CT 2017, 2nd सेमीफाइनल: बांग्लादेश को हल्के में नहीं लेगी विराट सेना
भारत गुरूवार को जब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ मैदान पर उतरेगा तो तब पेशेवरपन बनाम जुनून के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है
![]() विराट सेना (फाइल फोटो) |
कागजों पर भारत इस मैच जीत का प्रबल दावेदार है लेकिन क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और ऐसे में बांग्लादेश को जीत का दावेदार नहीं मानना गलत होगा. भारतीय टीम भी अपने इस पड़ोसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ किसी तरह की भी ढिलाई बरतने से बचना चाहेगी. विशेषकर बांग्लादेश ने जिस तरह से लीग चरण में न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार वापसी करके जीत दर्ज की उसे देखते हुए कोई भी टीम उसको कमजोर मानने की गलती नहीं करेगी. इस जीत से बांग्लादेश ने सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए अपनी राह तैयार की थी.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय टीम भी आत्मविास से भरी है और वह अपनी यही फार्म बरकरार रखकर बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाने की कोशिश करेगी. भारत के बल्लेबाज फॅार्म में हैं, गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और क्षेत्ररक्षण भी बेहतरीन है. कुल मिलाकर विराट कोहली की टीम अभी खेल के तीनों विभाग में अव्वल नजर आ रही है. ऐसे में भाग्य के भरोसे सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली मशरेफी मुर्तजा की टीम को जीत दर्ज करने के लिए एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर कुछ विशिष्ट प्रदर्शन करना होगा.
भारत खिताब का दावेदार है और इससे कम पर वह कतई संतुष्ट नहीं हो सकता है जबकि बांग्लादेश अगर यहां जीत दर्ज कर लेता है तो उसके लिए यह अपने क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी जीत में से एक होगी. बांग्लादेश इससे पहले आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड जैसी टीमों को हरा चुका है जो महज इत्तेफाक मानी गई लेकिन उसकी टीम किसी भी समय इस तरह का प्रदर्शन करने का माद्दा रखती है. यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत रविचंद्रन अश्विन को अंतिम एकादश में बनाए रखता है या फिर उमेश यादव को वापस टीम में लाता है क्योंकि अभ्यास मैच के दौरान उनकी तेज गेंदबाजी के सामने बांग्लादेशी बल्लेबाज नहीं टिक पाए थे और भारत ने 240 रन से जीत दर्ज की थी.
जहां तक बांग्लादेश की बात है तो उसका लक्ष्य वि कप 2007 में पोर्ट ऑफ स्पेन में दिखाए गए प्रदर्शन को दोहराना होगा. तब उसने भारत को हराकर उसे शुरुआती दौरे से ही बाहर कर दिया था. उस मैच के चार सदस्य कप्तान मशरेफी मुर्तजा, शाकिब अल हसन, मुशफिकर रहीम और तमीम इकबाल वर्तमान टीम के स्टार खिलाड़ी हैं. वनडे प्रारूप ऐसा है जिसमें बांग्लादेश के पास संभवत: भारत को हराने का सर्वश्रेष्ठ मौका रहता है. पिछले तीन वर्षो में बांग्लादेश ने इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन भी किया है.
भारत और बांग्लादेश के बीच 50 ओवरों का मुकाबला जुनूनी दर्शकों और मीडिया के कारण भी एक नए मुकाम पर पहुंच जाता है. बांग्लादेश के प्रशंसक ही नहीं बल्कि मीडिया भी इस तरह के मैचों के प्रति बेहद जुनूनी बन जाता है. अगर भारत में क्रिकेट धर्म है तो बांग्लादेश भी उससे पीछे नहीं है. उन्हें अब भी 2015 विश्व कप में भारत से मिली हार कचोटती है. उनका मानना है कि रोहित शर्मा आउट थे क्योंकि रूबेल हुसैन ने वैध गेंद की थी. उनका मानना है कि मोहम्मद रियाद उनकी टीम को जीत दिला सकता था और शिखर धवन का सीमा रेखा पर कैच का दावा अंपायर को सही नहीं मानना चाहिए था.
अगर मैदान पर प्रदर्शन की बात की जाए तो धवन और रोहित की भारतीय सलामी जोड़ी बांग्लादेश के तमीम इकबाल और सौम्य सरकार से बेहतर है. तमीम हालांकि अभी अच्छी फॉर्म में चल रहे हैं. कोई सपने में भी कोहली की तुलना इमरूल कायेस या शब्बीर रहमान से नहीं कर सकता है. धोनी 50 ओवरों के महान खिलाड़ियों में शुमार करते हैं जबकि मुशफिकर अब भी ऐसे खिलाड़ी है जिनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है.
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