थाईलैंड के खिलाफ पिछली दो जीत से प्रेरणा लेकर मैदान पर उतरेगा भारत
भारत बुधवार को यहां जब अंतरराष्ट्रीय मैत्री फुटबॉल मैच में अपने एशियाई प्रतिद्वंद्वी थाईलैंड का सामना करेगा तो उसकी नजरें पिछली दो जीत और करिश्माई सुनील छेत्री की अच्छी फॉर्म से प्रेरणा लेने पर टिकी होंगी।
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भारत और थाईलैंड अक्सर एक दूसरे का सामना करते रहे हैं। एशियाई खेलों से लेकर एशियाई कप तक, किंग्स कप से लेकर नेहरू कप तक, पुरुष फुटबॉल में भारत बनाम थाईलैंड मुकाबलों का इतिहास काफी पुराना है।
जकार्ता में 1962 के एशियाई खेलों में पहली बार इन दोनों टीम के बीच मुकाबला हुआ था। भारत ने उसमें 4-1 से जीत हासिल की थी। तब से लेकर अब तक दोनों टीमें 26 बार एक-दूसरे से भिड़ चुकी हैं। भारत ने सात जबकि थाईलैंड ने 12 मैच जीते हैंं। बाकी सात मैच ड्रॉ रहे हैं।
इन दोनों टीम के बीच 2019 में जो पिछले दो मैच खेले गए थे उन दोनों में भारत नेे जीत हासिल की थी। भारत बुधवार को होने वाले मैच में इन जीत से प्रेरणा लेने की कोशिश करेगा।
भारत ने थाईलैंड के खिलाफ अबू धाबी में 2019 एएफसी एशियाई कप में 4-1 की शानदार जीत हासिल की थी। इसके बाद उसने थाईलैंड को उसकी धरती पर किंग्स कप में 1-0 से हराकर कांस्य पदक जीता था।
एशियाई कप जीत में पहले दो गोल करने वाले छेत्री ने उस प्रदर्शन को याद किया, जिसने महाद्वीपीय प्रतियोगिता में भारत की जीत के 55 साल के इंतजार को खत्म किया था।
छेत्री ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘वह काफी समय पहले की बात है। मुझे उस मैच के बारे में जो याद है, वह यह है कि टीम ने उस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था। वह मैच विशेष था क्योंकि उसमें हमारे युवा खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। इसलिए, हम इस मैच से प्रेरणा ले रहे हैं।’’
भारत को अब थाईलैंड के खिलाफ जीत की हैट्रिक बनाने के लिए इस 40 वर्षीय करिश्माई स्ट्राइकर की गोल स्कोरिंग क्षमता और उनके प्रेरणादायक नेतृत्व की आवश्यकता होगी।
भारत अभी फीफा रैंकिंग में 127वें जबकि थाईलैंड 99वें स्थान पर है।
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