CWG-2022: ऑस्ट्रेलिया से हारी भारतीय हॉकी टीम, रजत से करना पड़ा संतोष

Last Updated 09 Aug 2022 07:25:16 AM IST

भारतीय हॉकी टीम सोमवार को बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के फाइनल में विश्व की नंबर एक ऑस्ट्रेलिया से 0-7 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। आस्ट्रेलिया ने गोल्ड पर कब्जा किया।


बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय हॉकी टीम रजत पदक के साथ।

2014 के बाद पहली बार फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम को रजत पदक से संतुष्ट होना पड़ा, क्योंकि उनके सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत साबित हुई और केवल कुछ मौकों पर ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर को भारतीय खिलाड़ी ने परेशान किया। ऑस्ट्रेलिया के लिए नाथन एफ्राम्स (14वें, 42वें मिनट) और जेकब एंडरसन (22वें, 27वें मिनट) ने दो- दो गोल किए, जबकि ब्लेक गोवर्स (9वें मिनट), टॉम विकम (22वें मिनट) और फ्लिन ओगिल्वी (46वें मिनट) ने टीम की जीत में एक-एक गोल का योगदान दिया।

ऑस्ट्रेलिया कभी भी फाइनल नहीं हारा

1998 में कुआलालंपुर में खेल शुरू होने के बाद से ऑस्ट्रेलिया कभी भी फाइनल नहीं हारा है। राष्ट्रमंडल गेम्स के पुरुष हॉकी फाइनल में यह भारत की तीसरी हार है।

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शुरू से ही आक्रमण किया और पहले क्वार्टर के पहले कुछ मिनटों में दो पेनल्टी कार्नर अर्जित किए। भारतीय डिफेंडरों ने उन्हें दोनों मौकों पर रोक दिया, लेकिन ब्लेक गोवर्स ने पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने के बाद, गोलों की बरसात होने लगी, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने पहले क्वार्टर के अंत तक 5-0 की बढ़त ले ली।

उन्होंने अगली दो क्वोर्टर में एक-एक गोल किया, जिससे भारत को नई दिल्ली में 2010 के फाइनल में 8-0 की हार एक बार याद आ गई।

मैच में भारतीयों ने ऑस्ट्रेलियाई को मिडफील्ड में बहुत अधिक जगह दी थी, जहां से वे अपने हमले शुरू कर सकते थे। डिफंडरों को रिबाउंड पर जल्दी नहीं थी, जिसने गोलकीपर पीआर श्रीजेश को पहले विफल करने के बाद रिबाउंड पर हमले के लिए असुरक्षित छोड़ दिया।

भारत ने इस तरह से सात में से चार गोल खाए। गोलों की संख्या और हो सकती थी, अगर श्रीजेश और अमित रोहिदास ने कुछ शानदार बचाव नहीं किए होते।

पेनल्टी कार्नर हासिल करने में नाकाम रहे

भारतीयों को इस बात से भी परेशानी होगी कि वे एक भी पेनल्टी कार्नर हासिल करने में नाकाम रहे। उन्होंने आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की बराबरी करने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं कर सके।

तेज गर्मी ने भी किया प्रभावित

मौसम भी एक भूमिका निभा रहा था, क्योंकि यह सामान्य से अधिक गर्म हो गया क्योंकि गर्मी तेज पड़ने लगी थी और तापमान पिछले कुछ दिनों की तुलना में अधिक था।

भारत के कप्तान मनप्रीत सिंह घायल हो गए, जिसके कारण उन्हें मेडल मैच से बाहर होना पड़ा, जिसकी पुष्टि तब की जाएगी जब वह स्कैन के लिए जाएंगे।

हम उस तरह के हमले नहीं कर सके, जो हम करने में सक्षम हैं

कप्तान मनप्रीत सिंह ने मैच के बाद कहा, "कुल मिलाकर, यह हमारा दिन नहीं था क्योंकि हम बेहतर नहीं कर सके। हमने कभी भी इसके 7-0 के होने की उम्मीद नहीं की थी, लेकिन हम उस तरह के हमले नहीं कर सके, जो हम करने में सक्षम हैं।"

मनप्रीत ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया ने बहुत अच्छा खेला और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने अपने हर हमले का फायदा उठाया।"

भारतीय मिडफील्ड के अलग दिखने का एक कारण विवेक सागर प्रसाद की अनुपस्थिति भी हो सकती है, जिन्हें घुटने की चोट के कारण मैच से बाहर होना पड़ा था।

भारत ने राष्ट्रमंडल गेम्स में हॉकी में स्वर्ण पदक कभी नहीं जीता है। अब उस सपने को साकार करने के लिए उन्हें चार साल और इंतजार करना होगा।

कॉमनवेल्थ गेम्स में 1998 में हॉकी को शामिल किए जाने के बाद से सभी सात स्वर्ण आस्ट्रेलिया ने जीते हैं। भारत ने 2010 में दिल्ली और 2014 में ग्लास्गो में रजत पदक ही जीता था। आस्ट्रेलिया के दबदबे का आलम यह था कि भारत की ओर से गोल पर एक भी गंभीर हमला नहीं देखा गया। दूसरी ओर आस्ट्रेलिया ने मनचाहे अंदाज में गोल दागे और अगर पी आर श्रीजेश गोल के आगे नहीं होते तो हार का अंतर और अधिक होता।

आस्ट्रेलिया ने पहले ही क्वार्टर में दो गोल करके अपने तेवर जाहिर कर दिए थे । उसे चौथे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन जेरेमी हैर्वड के शॉट को श्रीजेश ने बचा लिया। आठवें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर बेकार जाने के बाद अगले मिनट में ब्लैक गोवर्स ने पेनल्टी तब्दील करके टीम को बढ़त दिलाई। दूसरा गोल नाथन ने 14वें मिनट में दागकर आस्ट्रेलिया की बढत दुगुनी कर दी।

दूसरे क्वार्टर में 22वें मिनट में आस्ट्रेलिया को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिनमें से दूसरे पर हैर्वड ने गोल दागा। भारत को जवाबी हमले में 24वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन आकाशदीप सिंह का निशाना नहीं लगा। आस्ट्रेलिया के लिए 26वें मिनट में विकहैम और 27वें मिनट में एंडरसन ने गोल दागे। हाफटाइम तक आस्ट्रेलिया के पास 5-0 की बढ़त थी।

दूसरे हाफ में भारत ने खेल में कुछ सुधार किया लेकिन गोल फिर भी नहीं हो सका। तीसरे क्वार्टर में आस्ट्रेलियाई गोल पर भारत की ओर से एकमात्र हमला 38वें मिनट में अभिषेक ने किया लेकिन आस्ट्रेलियाई डिफेंस ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया।

आईएएनएस
बर्मिघम


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