भास्कर भट का महिला मुक्केबाजी कोच बनना तय
लंबे समय से राष्ट्रीय युवा टीम के कोच के तौर पर काम कर रहे भास्कर भट का विश्व चैंपियनशिप से पहले सीनियर महिला मुक्केबाजी का मुख्य कोच बनना लगभग तय है, तो वहीं ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर की स्वर्ण विजेता अरुंधति चौधरी द्वारा ट्रायल के अनुरोध को खारिज कर दिया गया।
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भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआई) के महासचिव हेमंत कालिता ने कहा कि लवलीना को 70 किग्रावर्ग में सीधे प्रवेश देने के निर्णय पर फिर से विचार नहीं किया जाएगा। इससे पहले अरुंधति ने एक खुला पत्र जारी कर ‘खेल की निष्पक्षता बनाए रखने और हर बार खुद को साबित करने की आवश्यकता’ का हवाला देते हुए ट्रॉयल की मांग की थी।
कालिता ने कहा, ‘महिला विश्व चैंपियनशिप के लिए कोई ट्रॉयल नहीं होगा। जैसा कि सितम्बर में कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान तय किया गया था, लवलीना के वर्ग को छोड़ कर हर वर्ग के राष्ट्रीय चैंपियन भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘लवलीना को सीधे प्रवेश देने का निर्णय उनके टोक्यो ओलंपिक प्रदर्शन पर आधारित था। इसे बदला नहीं जाएगा।’
महिला विश्व चैंपियनशिप का आयोजन दिसम्बर में इस्तांबुल में होगा। प्रतियोगिता की तारीखों की घोषणा अभी नहीं हुई है। चौबीस साल की बोरगोहेन इस स्पर्धा की दो बार की कांस्य पदक विजेता हैं, जबकि 19 वर्षीय अरुंधति ने इस साल की शुरुआत में युवा विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
लंबे समय से राष्ट्रीय युवा कोच के तौर पर कार्यरत भट को सीनियर महिला टीम के शिविर का प्रभार दिया जाना तय है क्योंकि बीएफआई ने हाई परफाम्रेंस निदेशक राफेल बर्गमास्को और मुख्य कोच मोहम्मद अली कमर के अनुबंधों को आगे नहीं बढ़ाया है।
उत्तराखंड के रहने वाले 56 वर्षीय भट 2017 से युवा टीम के साथ हैं और 2005 से 2012 तक सीनियर महिला शिविर में सहायक कोच थे। उन्होंने परिवार के साथ समय बिताने के लिए 2012 से 2017 के बीच कोचिंग से ब्रेक लिया था।
पूर्व राष्ट्रीय कांस्य पदक विजेता भट 1989 में पटियाला स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान से अपना कोचिंग डिप्लोमा पूरा करने के बाद 1992 में भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) से जुड़े थे। उनके भाई डीपी भट भी एक पूर्व मुक्केबाज है।
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