अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने की कड़े शब्दों में नस्लवाद की निंदा

Last Updated 11 Jun 2020 01:58:32 PM IST

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने कड़े शब्दों में नस्लवाद की निंदा करते हुए कहा है कि यह ओलंपिक खेलों के संस्थापक स्तंभों में से एक है और यह गैर-भेदभाव पर टिका है, जोकि ओलंपिक के चार्टर में परिलक्षित होता है।


IOC ने की कड़े शब्दों में नस्लवाद की निंदा (प्रतीकात्मक फोटो)

ओलंपिक चार्टर के मौलिक सिद्धांत छह में लिखा है, "इस ओलंपिक चार्टर में निर्धारित अधिकारों और स्वतंत्रता का आनंद किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना सुरक्षित किया जाएगा, जैसे जातिया, रंग, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीतिक, राष्ट्रीय या सामाजिक मूल, संपत्ति, जन्म या किसी अन्य स्थिति में।"

आईओसी के संस्थापक पियरे डी कूएबर्टिन ने कहा, "हमें तब तक शांति नहीं मिलेगी जब तक कि नस्लें अलग-अलग न हो जाती हैं। अब इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सभी देशों के युवाओं को समय-समय पर मांसपेशियों के सौहार्दपूर्ण परीक्षणों के लिए एक साथ लाने से बेहतर साधन और क्या हो सकता है।"

आईओसी ने बुधवार को एक बयान में कहा, "आईओसी कार्यकारी बोर्ड आईओसी एथलीटों के आयोग की पहल का समर्थन करता है ताकि ओलंपिक एथलीटों को ओलंपिक खेलों के समय ओलंपिक की भावना का सम्मान करते हुए ओलंपिक चार्टर में निहित सिद्धांतों के लिए अपना समर्थन व्यक्त कर सकें।"

आईओसी का यह बयान अमेरिका में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद कई जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद आया हैं। 46 साल के जॉर्ज की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।

आईएएनएस
लुसाने


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