इसरो की 'साउथ एशिया सैटेलाइट' प्रक्षेपण की तैयारियां पूरी, पाकिस्तान नहीं होगा शामिल
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक बार फिर से नई इबारत लिखने को तैयार है. इसरो कल यानि 5 मई को दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीएसएटी-9 का प्रक्षेपण करने जा रहा है.
दक्षिण एशिया उपग्रह के प्रक्षेपण की तैयारियां पूरी (फाइल फोटो) |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीएसएटी-9 के प्रक्षेपण के लिए तैयारियां ‘‘सुचारू रूप से चल रही हैं.’’ यह उपग्रह इस क्षेत्र में देशों के बीच संचार में मददगार होगा.
यह उपग्रह इस क्षेत्र में देशों के बीच संचार में मददगार होगा.
इस भूस्थिर संचार उपग्रह को इसरो ने बनाया है. इसका शुक्रवार को चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोट में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया जाएगा.
आठ दक्षेस देशों में से सात देश इस परियोजना का हिस्सा है. पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि ‘‘उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है.’’
इसरो के जीएसएलवी-एफ09 रॉकेट से इस उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा. 235 करोड़ रूपये की लागत वाले इस मिशन का जीवनकाल 12 साल का है. इस उपग्रह का उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों के बीच सूचनाएं उपलब्ध कराना और आपदा प्रबंधन को मजबूत करना है. साथ ही इस उपग्रह से प्रत्येक देश को डीटीएच, वीसैट क्षमता और आपदा सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.
इसरो चेयरमैन ए एस किरन कुमार ने यहां हवाईअड्डे पर कहा, ‘‘हमें कल शाम को 4:57 पर प्रक्षेपण करना है. सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही है.’’
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र ने इसरो के वैज्ञानिकों से दक्षेस उपग्रह बनाने के लिए कहा था जो पड़ोसी देशों को ‘‘भारत की ओर से उपहार’’ के तौर पर दिया जा सकें.
गत रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्र म में मोदी ने घोषणा की थी कि दक्षिण एशिया उपग्रह अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से ‘‘कीमती उपहार’’ होगा.
मोदी ने कहा था, ‘‘पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस परियोजना में भाग लेने वाले देशों की विकासात्मक जररतों को पूरा करने में इस उपग्रह के फायदे लंबा रास्ता तय करेंगे.’’
बड़े प्रक्षेपणों के बारे में एक सवाल पर कुमार ने कहा, ‘‘इसरो अगले साल की शुरूआत में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण करेगा.’’
शुक्रवार का प्रक्षेपण स्वदेशी क्रायोजनिक इंजन के साथ जीएसएलवी-एफ09 रॉकेट की लगातार चौथी उड़ान होगी. इससे पहले संचार उपग्रह जीएसएटी-8 का 21 मई 2011 को फ्रेंच गुएना के कोउरो से प्रक्षेपण किया गया था.
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