उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक 10 हजार से अधिक नाबालिग लापता, 90 फीसदी को ढूंढा गया
उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने से लेकर अब तक कई महिलाएं और नाबालिग गुम हुए हैं।
![]() उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार |
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक 10 हजार से अधिक बच्चे गायब हुए, जिनमें कई को बरामद कर लिया गया। दरअसल, उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक 10 हजार से अधिक नाबालिग (लड़के और लड़कियां) गुमशुदा हुए हैं। इनमें से पुलिस ने 96 फीसदी नाबालिगों को तलाश कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। मंगलवार को डीजीपी अशोक कुमार ने 'ऑपरेशन स्माइल' की समीक्षा के बाद बताया कि फिर से यह अभियान 1 सिंतबर से 31 अक्टूबर तक चल रहा है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ह्यूमन ट्रैफिकिंग और अन्य कारणों को ध्यान में रखते हुए गुमशुदा लोगों की तलाश में जुटती है। इसके लिए समय-समय पर 'ऑपरेशन स्माइल' चलाया जाता है। इसके तहत 13 जिलों में कुल 26 टीमें बनाई गई हैं। इनमें एक एसआई और चार कांस्टेबल शामिल होते हैं।
डीजीपी ने मंगलवार को 23 साल में गुमशुदा हुए लोगों और बरामदगी की समीक्षा की। इस दौरान पाया गया कि 31 अगस्त तक 5,662 बालक गुमशुदा हुए थे। इनमें 5,437 को बरामद कर लिया गया है। साथ ही 4,896 लापता बालिकाओं में 4,705 को ढूंढ निकाला गया। 12,701 गायब महिलाओं में 11,399 को ढूंढा जा चुका है। 13,784 लापता पुरुषों में 11,174 को खोज लिया गया। उन्होंने बताया कि 1 सितंबर से फिर 'ऑपरेशन स्माइल' शुरू किया गया है। 1 सितंबर से अब तक 568 गुमशुदा लोगों को बरामद किया जा चुका है। ऑपरेशन स्माइल की शुरूआत 2015 में की गई थी।
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