उत्तराखंड : पायलट भर्ती प्रक्रिया में घोटाला
उत्तराखंड राज्य के नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण में पायलट भर्ती प्रक्रिया में घोटाले की खबर सामने आई है।
उत्तराखंड : पायलट भर्ती प्रक्रिया में घोटाला |
प्राधिकरण में हाल ही में अतिविशिष्ट व्यक्तियों के विमान के लिए पायलट की भर्ती प्रक्रिया हुई थी, जिसमें भारत सरकार के नागर विमानन निदेशालय के सेवानिवृत्त उपमहानिदेशक को विशेषज्ञ के रूप में बुलाया गया था। इस पद पर नियुक्ति के लिए कई अनुभवी पायलटों ने आवेदन किया। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार के नागर विमानन विशेषज्ञ की सलाह को दरकिनार करते हुए चयन समिति ने एक संदिग्ध पायलट को इस पद पर नियुक्त करना लगभग तय कर लिया है।
दिल्ली के कालचक्र समाचार ब्यूरो के प्रबंधकीय संपादक रजनीश कपूर ने राज्य सरकार के नागरिक उड्डयन सचिव को इस विषय में पत्र लिख कर चयन में हुई अनियमित्ताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। कपूर के अनुसार, जिस कैप्टन चंद्रपाल सिंह का चयन इस पद के लिए किया जा रहा है उनके खिलाफ डीजीसीए में पहले से ही कई अनियमित्ताओं की जांच चल रही है, जिसे अनदेखा कर उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के चयनकर्ता उनकी भर्ती पर मुहर लगाने पर अड़े हुए हैं।
कपूर ने अपने पत्र में नागरिक उड्डयन सचिव को चयन में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग भी की है। वीवीआईपी व्यक्तियों के विमान को उड़ाने के लिए पायलट के पास एक निश्चित अनुभव के साथ साथ साफ-सुथरी छवि का होना अनिवार्य है। उन पर किसी भी तरह की जांच से मुक्त होना भी अनिवार्य होता है। उत्तराखंड में मौसम के मिजाज और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां विशेष अनुभव वाले पायलट ही उड़ान भर सकते हैं। अब देखना यह है कि इस भर्ती में हो रही अनियमित्ताओं को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।
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