चौथा चरण : उप्र में भाजपा की 51 सीटें दांव पर
आगामी 23 फरवरी को होने वाले उत्तर प्रदेश के चौथे चरण के चुनाव में भाजपा की 51 सीटें दांव पर लगी है।
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इस चरण में कुल 59 सीटें हैं। पिछली बार भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। इसी चरण में रायबरेली जिले में भी मतदान होना है जहां गांधी परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने का मुद्दा गर्म बना हुआ है जिस पर भाजपा को सफाई देनी मुश्किल हो रही है।
चौथे चरण में रु हेलखंड तराई बेल्ट और अवध क्षेत्र के 9 जिलों की 59 सीटों के लिए मतदान 23 फरवरी को होगा। इस चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिले की कुल 59 सीटें पर चुनाव होंगे। 2017 के चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने 52 सीटें जीती थी जिनमें भाजपा ने 51 और एक सीट अपना दल एस ने जीती थी।
सपा ने 4 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थी लेकिन बाद में कांग्रेस के दोनों विधायक भाजपा में शामिल हो गए। 2017 में पीलीभीत की सभी चारों एवं लखीमपुर खीरी की सभी आठों सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा ने तहलका मचा दिया था। पीलीभीत में मेनका और वरु ण गांधी की नाराजगी के कारण भाजपा को 2 सीटों पर प्रत्याशी बदलने पड़े हैं।
चौथे चरण में बांदा जिले की कुल 6 में से चार सीटों पर चुनाव हो रहा है। ये चारों सीटें भाजपा जीती थी। फतेहपुर में कुल 6 सीटें है, जिनमें से पांच भाजपा और एक अपना दल (एस) को मिली थी। हरदोई जिले की 8 सीटों में से सात भाजपा और एक सपा को मिली थी। सीतापुर जिले में 9 सीट में से 7 भाजपा, एक बसपा एवं एक सपा को मिली थी। लखनऊ जिले में कुल 9 सीटों में से 8 भाजपा और एक सपा के पास है।
ऐसे ही उन्नाव जिले की 6 सीट में से 5 सिटी भाजपा ने जीती थी और एक पर बसपा को जीत मिली थी। गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में कुल 6 सीटें है, जिनमें से 3 भाजपा, 2 कांग्रेस और सपा को मिली थी। चुनाव के दौरान अदिति सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी वह भाजपा के टिकट से रायबरेली सदर से चुनाव मैदान में है।
बृजेश पाठक अपनी पुरानी सीट लखनऊ मध्य छोड़कर लखनऊ कैंट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। ईडी में संयुक्त निदेशक पद छोड़कर राजनीति में कदम रखने वाले राजेर सिंह भाजपा के टिकट पर लखनऊ के सरोजनी नगर सीट से चुनाव मैदान में है। उन्नाव सीट से कांग्रेस ने रेप पीड़िता की मां आशा सिंह चुनावी मैदान में उतारा है। चौथे चरण में लखीमपुर खीरी में हुए तिकुनिया कांड चुनाव का मुद्दा बना हुआ है।
केंद्र गृहमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों के ऊपर कार चढ़ाने का आरोप है। हाल ही में उन्हें हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है लेकिन विपक्ष सुप्रीम कोर्ट की शरण में चला गया है। इसी तरह उन्नाव बलात्कार घटना भी चुनाव का मुद्दा बना हुआ है विपक्ष इन दोनों मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में हैं जबकि भाजपा बचाव की स्थिति में है।
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