जदयू धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं लडेगी

Last Updated 25 Jan 2017 05:02:55 PM IST

नीतीश कुमार नीत जदयू ने 'धर्मनिरपेक्ष शक्तियों को मजबूत और एकजुट करने' तथा 'सांप्रदायिक शक्तियों' की हार सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय लिया है.


जदयू के महासचिव के सी त्यागी (फाइल फोटो)

जदयू के महासचिव के सी त्यागी ने बुधवार को पटना में पत्रकारों को बताया कि उक्त आशय का निर्णय पार्टी के कोर कमेटी की हाल ही में पटना में हुई बैठक के दौरान लिया गया था.

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने यह निर्णय सांप्रदायिक शक्तियों को परास्त करने और धर्मनिरपेक्ष वोट में और अधिक बंटवारा नहीं हो इसे सुनिश्चित करने के लिए लिया.
    
त्यागी ने बिहार में बने महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) के तर्ज पर उत्तर प्रदेश में गठबंधन नहीं हो पाने पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस वहां महागठबंधन बनान विफल साबित हुए. बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने अपने मतभेदों को दफनाते हुए बडे उद्देश्य की प्राप्ति के लिए महागठबंधन बनाया.

उन्होंने कहा कि अगर हम 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी होना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार जरूरी है.

बिहार के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आर सी सिंह, श्याम रजक और संजय झा के साथ पत्रकारों को संबोधित करते हुए त्यागी ने कहा कि अगर रालोद और जदयू को गठबंधन में जगह दी जाती तो उत्तर प्रदेश में 300 सीट जीतते.



यह पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित किए जाने पर क्या बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार वहां जाएंगे रंजन ने इससे इंकार किया और कहा कि हमारा उत्तर प्रदेश में बहुत आधार नहीं है, इसलिए हम चाहते हैं कि वे जीतें.

त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के ऐसे पांच अनुमंडलों में चुनाव को लेकर कड़ी मेहनत की थी, पर हमें अफसोस कि हम चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.

भाषा


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