गठबंधन का फैसला अखिलेश के रुख पर टिका
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर और उत्तर प्रदेश में भाजपा को सत्ता से दूर रखने की कोशिशों के तहत सपा-कांग्रेस के गठबंधन पर अभी भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है.
![]() मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उत्तरप्रदेश (फाइल फोटो) |
जहां सपा के वरिष्ठ नेता गठबंधन को तकरीबन टूटा करार दे रहे हैं.
वहीं कांग्रेस नेता इस मामले को पूरी तरह अखिलेश पर छोड़ कर चल रहे हैं. कांग्रेस की नजर अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रविवार को 11 बजे तय प्रेस कांफ्रेंस पर टिकी है. उसी के बाद कांग्रेस अपने अंतिम फैसले का ऐलान करेगी.
हालांकि कांग्रेस ने पहले चरण के 73 और दूसरे चरण के 67 प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं. पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 24 जनवरी है जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 27 जनवरी है.
जिस तरह की गतिविधियां हैं और बयान दोनों दलों के नेताओं की तरफ से आ रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि दोनों एक दूसरे पर दबाव की नीति पर काम कर रहे हैं. दोनों ज्यादा से ज्यादा सीटें झटक लेना चाहते हैं.
एक बात तय है कि कांग्रेस या सपा की तरफ से जो भी नेता गठबंधन को लेकर बयान दे रहे हों लेकिन जब तक अखिलेश यादव और राहुल गांधी की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तब तक गठबंधन को लेकर किसी भी बयान का कोई खास औचित्य नहीं माना जाना चाहिए हां इसे एक दूसरे पर दबाव के रूप में जरूर देखा जा सकता है.
सियासत में अंतिम समय तक हालात बदलते रहते हैं. प्रियंका गांधी भी यूपी में दोनों पार्टियों के गठबंधन को लेकर काफी सक्रिय हैं. वे हर हालत में यह गठबंधन चाहती हैं.
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