अखिलेश खेमे को मिली 'साइकिल' निर्वाचन आयोग ने सुनाया फैसला

Last Updated 16 Jan 2017 07:01:21 PM IST

उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में चल रही अंदरूनी कलह में मुख्यमंत्री अखिलेश को बड़ी सफलता मिली है.


अखिलेश को मिली 'साइकिल' (फाइल फोेटो)

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पर वर्चस्व और उसके चुनाव चिन्ह पर कब्जे को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव खेमे के बीच चुनाव आयोग में चल रही दस्तावेजी जंग अखिलेश के पक्ष में गयी है और चुनाव आयोग ने उन्हें पार्टी का नाम तथा उसके चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर अधिकार दे दिया है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नसीम जैदी के दस्तखत से आज शाम जारी आदेश में आयोग ने कहा ‘अखिलेश के नेतृत्व वाला खेमा ही समाजवादी पार्टी है और उसे ही पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह साइकिल पाने का हक है.’

आदेश पर जैदी के अलावा दो अन्य चुनाव आयुक्तों के भी हस्ताक्षर हैं. आयोग ने अपने आदेश में कहा ‘आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार के बाद यह पाया कि अखिलेश खेमा ही असली समाजवादी पार्टी है और वह ही पार्टी के नाम तथा चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968 के मुताबिक साइकिल चुनाव चिह्न के इस्तेमाल के हकदार हैं.’


इसके साथ पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर अखिलेश और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बीच विगत 15 दिन से चल रहा विवाद समाप्त हो गया और आयोग ने अखिलेश को ही सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लिया है.

आयोग के फैसले से निहाल मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ खड़े रहे उनके चाचा रामगोपाल यादव ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने सही निर्णय लिया इसलिए कि दूसरे खेमे (मुलायम सिंह यादव खेमा) के पास चुनाव चिन्ह पाने के लिए जरूरी दस्तावेजी ताकत नहीं थी.’



उन्होंने कहा कि आयोग के फैसले से मुख्यमंत्री अखिलेश बहुत खुश है. कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना पर उन्होंने कहा ‘इस संबंध में जो भी निर्णय होगा पार्टी अध्यक्ष (अखिलेश) ही करेंगे. मगर मुझे गठबंधन की संभावना लगती है.’

आयोग के फैसले की जानकारी होते ही अखिलेश समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ पडी और वे बडी संख्या में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास कालीदास मार्ग पर जमा होने लगे.

विक्रमादित्य मार्ग पर भी जहां कि मुख्यमंत्री अखिलेश और उनके पिता मुलायम सिंह अलग-अलग बंगलों में रहते है, समर्थकों का तांता लग गया है. मुख्यमंत्री के बंगले पर उनके एक उत्साही समर्थक ने कहा ‘ईश्वर ने हमारी प्रार्थना सुन ली. अब हम पूरी ताकत के साथ अखिलेश भईया को जिताने में रात दिन एक कर देंगे.’

आयोग के फैसले की जानकारी होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश पिता का आशीर्वाद लेने मुलायम के बंगले पर भी गये. आयोग के फैसले के कुछ घंटे पहले ही अखिलेश खेमे ने उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए पिता मुलायम के नेमप्लेट के नीचे उनकी नेमप्लेट लगा दी थी

आपको बता दें दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुलायम सिंह से पूछा था कि क्या आपकी पार्टी में कोई टूट है तो मुलायम ने कहा था कि नहीं कोई टूट नहीं है. इस पर जब चुनाव आयोग ने पूछा था कि अगर कोई टूट नहीं है तो फिर साइकिल निशान किसे दिया जाए. इस पर मुलायम ने कहा था कि हमें दिया जाए. इसी बात पर चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों में फूट की बात मानी थी.

भाषा


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