61 साल की हुईं मायावती, कार्यकर्ताओं से मांग सकती हैं जीत का तोहफा
बसपा की अध्यक्ष मायावती आज अपने 61वें जन्मदिन के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर राज्य विधानसभा चुनाव में ‘जीत का तोहफा’ मांग सकती हैं.
![]() 61 साल की हुईं मायावती (फाइल फोटो) |
मायावती के जन्मदिवस समारोह सादे ढंग से मनाये जाने की सम्भावना है. चुनाव आयोग की इस बात पर पैनी नजर रहेगी कि इस दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो.
एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समारोह सादे ढंग से मनाया जायेगा. इस मौके पर बहनजी को कोई उपहार आदि भी नहीं दिया जायेगा. अपने जन्मदिवस के मौके पर मायावती प्रेस कांफ्रेंस के जरिये पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगी. इलेक्ट्रानिक चैनलों द्वारा इसका सजीव प्रसारण किया जायेगा जिससे कार्यकर्ताओं को पार्टी मुखिया के ‘निर्देश’ मिल सकें.
कार्यकर्ताओं को बहनजी का यह सम्बोधन सुनने के निर्देश दिये जा चुके हैं. बसपा अध्यक्ष इस मौके पर ‘मेरे संघर्षमयी जीवन बहुजन आन्दोलन का सफरनामा’ शीर्षक से बसपा की ‘ब्लू बुक’ के 12वें संस्करण का लोकार्पण भी करेंगी.
गौरतलब है कि बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा विशाल माला के साथ उनकी आयु के बराबर वजन वाला केक काटकर बहनजी का जन्मदिन बड़े पैमाने पर मनाये जाने की परम्परा रही है.
जन्मदिन से पूर्व कार्यकर्ताओं द्वारा चंदा एकत्र करने का बड़ा अभियान चलाया जाता है और इसके लिए प्रत्येक सांसद और विधायक को लक्ष्य सौंपे जाते हैं. यह धन पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान में खर्च किया जाता है.
नाम न बताने की शर्त पर बसपा के एक नेता ने कहा कि आचार संहिता के अलावा बहनजी का जन्मदिन समारोह की भव्यता पर इस बार नोटबंदी का भी असर पड़ सकता है. पार्टी के एक जोनल कोआर्डिनेटर के अनुसार नोटबंदी के कारण लोगों के पास नगदी की कमी है और ज्यादा नगदी रखने वाले आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय समेत अन्य एजेंसियों के रडार पर हैं. इसके चलते चंदा एकत्र करने का अभियान शुरू नहीं किया गया, अगर कोई नेता धन देना चाहे तो वह उसे पार्टी फंड में जमा करा सकता है.
‘बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा बहनजी का जन्मदिन ‘जनकल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और पार्टी नेताओं से जरूरतमंदों और गरीबों से सम्पर्क साधने को कहा जाता है. इस दिन पार्टी नेता दलितों के गांवों तथा अस्पतालों में जाकर फल और कम्बल आदि वितरित करते हैं, लेकिन इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनकल्याणकारी दिवस नहीं मनाया जायेगा.
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