'साइकिल' के लिए डटा है मुलायम और अखिलेश खेमा, EC ने फैसला सुरक्षित रखा
उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भीतर मची अंदरूनी कलह के बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न 'साइकिल' को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा.
- 12:34 : कपिल सिब्बल भी चुनाव आयोग पहुंचे हैं
- 12:28 : मुलायम और शिवपाल चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंच गए हैं. वहीं अखिलेश की तरफ से रामगोपाल यादव पहुंचे हैं.
- 12:24 : सपा के सियासी जंग का प्रतीक बनी साइकिल चुनाव चिन्ह हासिल करने के दोनों गुटों के दावे पर चुनाव आयोग सुनवाई कर रहा है
- 12:24 : साइकिल पर अपना दावा पुख्ता करने की दलीलों के साथ मुलायम सिंह और अखिलेश गुट चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंच गए हैं
![]() 'साइकिल' के लिए डटा है मुलायम और अखिलेश खेमा (फाइल फोटो) |
सपा में 'साइकिल' की सवारी कौन करेगा, इसका फैसला शुक्रवार को चुनाव आयोग करेगा.
मुलायम और अखिलेश खेमा चुनाव आयोग पहुंचा है. चुनाव आयोग में सुनवाई जारी है.
अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के खेमे के साइकिल पर बारी-बारी से दावा करने के बाद चुनाव आयोग आज अपना फैसला सुनाएगा.
गौरतलब है कि सपा में जारी संकट के बीच सबसे पहले मुलायम सिंह यादव और फिर अखिलेश खेमे ने चुनाव आयोग में चुनाव चिन्ह पर दावा ठोंका था. मुलायाम ने कहा है कि पार्टी उन्होंने बनाई है इसलिए पहला हक उनका है.
अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव ने छह जनवरी को अखिलेश के समर्थक नेताओं की सूची सौंपी थी. उन्होंने बताया था कि 229 में से 212 विधायकों, 68 में से 56 विधान परिषद सदस्यों और 24 में से 15 सांसदों ने अखिलेश को समर्थन देने वाले शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
रामगोपाल ने कहा था कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है. चुनाव चिन्ह साइकिल इसी खेमे को मिलनी चाहिए.
गौरतबलब है कि चुनाव चिन्ह साइकिल पर दावेदारी के लिए मुलायम और अखिलेश खेमा चुनाव आयोग के कार्यालय गया था, जिस पर आयोग ने दोनों खेमों को नौ जनवरी तक समर्थक विधायकों की सूची शपथ पत्र के माध्यम के जरिए जमा कराने को कहा था. इसके बाद फैसले के लिए शुक्रवार को का दिन तय किया गया.
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