I Love Mohammed controversy: बरेली में नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन की क्या है साजिश?

Last Updated 27 Sep 2025 12:03:17 PM IST

शुक्रवार को उत्तरप्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद अचानक नमाजियों ने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।


बता दें कि 'आई लव मोहम्मद" के नारों के बीच प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गये और भीड़ ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। भीड़ ने नारेबाज़ी, पत्थरबाज़ी और पुलिस पर हमला बोल दिया। अब इस हिंसक प्रदर्शन के पीछे कौन है इसका पता लगाया जा रहा हे।

क्या यह किसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा है? मौलाना तौकीर रज़ा का क्या रोल है? पुलिस ने क्या एक्शन लिया? और इस घटना का राजनीतिक और धार्मिक असर क्या होगा?

बता दें कि यहां पर जुमे की नमाज के बाद एक मस्जिद के बाहर एकत्र स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई।

पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर कई प्रदर्शनकारी ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में मस्जिद के बाहर एकत्र हुए थे।

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की नमाज के बाद कोतवाली क्षेत्र में स्थित मौलाना तौकीर के आवास के बाहर और मस्जिद के पास भारी भीड़ एकत्र हो गई। लेकिन स्थानीय अधिकारियों द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण आखिरी समय में विरोध प्रदर्शन स्थगित किये जाने पर लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया।

सोशल मीडिया और टीवी समाचार चैनलों पर दिखाई गई तस्वीरों में स्थानीय लोग लाठियों से लैस पुलिस के साथ झड़प करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं।

जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थिति अब सामान्य और नियंत्रण में है। किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

हम लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।’’ इस विवाद का संबंध नौ सितंबर से है जब कानपुर पुलिस ने चार सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान कानपुर की एक सार्वजनिक सड़क पर कथित तौर पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे बोर्ड लगाने के आरोप में नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

इस कदम पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और इसे एक ‘नया चलन’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह जानबूझकर उकसाने वाला कदम है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा करने के बाद कि ‘आई लव मोहम्मद’ कहना कोई अपराध नहीं है, इस विवाद ने और अधिक तूल पकड़ लिया। 

समयलाइव डेस्क
बरेली


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