मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर हलवारा में सरयू नदी के किनारे ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान शुरू किया। उन्होंने बरगद, नीम और पीपल के पौधे लगाए।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बुधवार को यहां सरयू नदी के किनारे त्रिवेणी वाटिका में बरगद, नीम और पीपल के पौधे लगाकर इसे भगवान श्रीराम, धरती माता और जन्मदायिनी माता को समर्पित किया।
अयोध्या में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ इस अभियान की महत्ता पर जोर दिया।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की अभूतपूर्व प्रगति पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस दौरान 204 करोड़ पौधे लगाए गए जिनमें से 75 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। इसके परिणामस्वरूप राज्य में पांच लाख एकड़ क्षेत्र में वन आच्छादन बढ़ा है।’’
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने हीटवेव (गर्म हवा) को ग्रीनवेव (शीतल हवा) में बदला है। यह प्रयास न केवल पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सहायक है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।’’
उन्होंने वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘पेड़ों में भी जीवन है और ये छाया, फल, मृदा संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’’
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मुख्यमंत्री ने धरती माता और जन्मदायिनी मां के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक बताया।
उन्होंने वैदिक उद्घोष ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक सच्चा पुत्र वही है जो अपनी मां की सेवा और रक्षा करता है। यह अभियान वर्तमान को संवारने और भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प है। पेड़ हमें प्रदूषण, सांस की बीमारियों और कार्बन उत्सर्जन के दुष्प्रभावों से बचाएंगे।’’
मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन को वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि अतिवृष्टि, अनावृष्टि और बादल फटने जैसी घटनाएं अनियोजित विकास का परिणाम हैं।
उन्होंने अमेरिका के टेक्सास में हाल में हुई एक घटना का जिक्र किया जहां अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों बच्चे लापता हो गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नियोजित और वैज्ञानिक प्रयासों से विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन स्थापित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आठ साल पहले शुरू हुए इस अभियान में शुरुआत में केवल पांच करोड़ पौधे उपलब्ध थे लेकिन वन विभाग, मनरेगा और निजी क्षेत्र के सहयोग से आज 52 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधारोपण अभियान ने न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाया, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘कार्बन वित्तपोषण के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है। पिछले साल 25 हजार से अधिक किसानों को यह लाभ मिला और इस साल सात मंडलों के किसानों को 42 लाख रुपये कार्बन क्रेडिट के रूप में प्रदान किए जाएंगे।’’
इस अवसर पर उन किसानों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पौधारोपण और उनकी देखभाल में योगदान दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के बदलते स्वरूप पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्राचीन नगरी आज देश-दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जो अयोध्या कभी वीरान थी, वह आज त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर है।’’
अयोध्या को देश की पहली ‘सोलर सिटी’ बनाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और मियावाकी पद्धति से वन विकास जैसे प्रयास इसे और समृद्ध कर रहे हैं।’’
इस मौके पर तिलोदकी नदी के पुनरोद्धार में योगदान देने वालों को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि उनके नेतृत्व में शुरू हुए इस अभियान ने उत्तर प्रदेश को हरित भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
योगी ने कहा, ‘‘पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस साल अयोध्या में पौधारोपण अभियान का आगाज विशेष महत्व रखता है।’’
इस अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों और प्रदेशवासियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान सायंकाल सात बजे तक जारी रहेगा। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस महाअभियान से जुड़कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें।
अयोध्या के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अयोध्या के साथ हूं। यह अभियान अयोध्या को विश्व पटल पर और गौरव प्रदान करेगा।’’
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