स्कूलों के विलय को लेकर अखिलेश यादव ने यूपी सरकार को घेरा, कहा- इसके पीछे गहरी साजिश

Last Updated 03 Jul 2025 12:31:55 PM IST

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत उत्तर प्रदेश सरकार पर बुधवार को तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों को विलय करने के हालिया कदमों के पीछे गहरी साजिश है।


सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यादव ने कहा, ‘‘शिक्षा ही विकास की सबसे बड़ी कसौटी होती है। भाजपा सरकार में शिक्षा और शिक्षकों की जो उपेक्षा हो रही है उसके पीछे एक गहरी साजिश की ये आशंका बलवती हो रही है कि भाजपा आनेवाली पीढ़ी से शिक्षा का अधिकार छीनना चाहती है, जो शिक्षित होता है वह सकारात्मक भी होता है और सहनशील भी, ऐसे लोग भाजपा की नकारात्मक राजनीति को कभी भी स्वीकार नहीं करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा से ही उनमें चेतना आती है और वो उत्पीड़न व शोषण के खिलाफ एकजुट हो जाते हैं। शिक्षा से जो आत्मविश्वास आता है वह भाजपा जैसे वर्चस्ववादी दल के विरोध का कारण बनता है, इसीलिए न होंगे स्कूल, न होगा भाजपा का विरोध।’’

यादव ने आरोप लगाया, ‘‘आज गांवों में स्कूल बंद होंगे कल को भाजपा के संगी-साथी सेवा के नाम पर अपने स्कूल वहां खोलने के लिए पहुंच जाएंगे। जिससे वो अपनी दरारवादी सोच के बीज बो सकें।’’

सपा नेता ने कहा कि भाजपा अपनी प्रभुत्ववादी सोच को बनाए रखने के लिए अशिक्षित व अवैज्ञानिक लोगों की ताली बजाती, थाली पीटती अनपढ़ों की भीड़ चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘नकारात्मक सोच के लिए प्रभुत्ववादी, घोर स्वार्थी व अनपढ़ों का समर्थन चाहिए होता है। सच में शिक्षित व परमार्थ से प्रेरित एक चैतन्य व जागरूक व्यक्ति कभी भी भाजपा जैसी सोच का समर्थक नहीं हो सकता है। जितनी शिक्षा प्रसारित होगी उतनी ही भाजपाई राजनीति की जड़ कमजोर होगी।’’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सब जानते हैं कि जो चीज निगाह से दूर हो जाती है वो दिमाग से भी दूर हो जाती है। जब आसपास स्कूल ही नहीं दिखेंगे तो शिक्षा की साक्षात प्रेरणा ही समाप्त हो जाएगी।’’

यादव ने कहा कि हमारा तर्क ये है कि जब एक मतदाता के लिए बूथ बनाया जा सकता है तो 30 बच्चों के लिए स्कूल चलाया क्यों नहीं जा सकता है? ये पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के वंचित समाज को और भी वंचित करने का एक बड़ा षड्यंत्र है।’’

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने शैक्षिक संसाधनों को युक्तिसंगत बनाने और कम नामांकन, शिक्षकों की कमी और बुनियादी ढांचे के दोहराव जैसे मुद्दों को दूर करने के लिए स्कूलों का विलय करने का फैसला किया है।

अधिकारियों का दावा है कि इस कदम का उद्देश्य छोटे और कम दाखिले वाले स्कूलों को समेकित करना और उन्हें पास के संस्थानों में विलय करना है।
 

भाषा
लखनऊ


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment