UP CM Yogi ने राज्य में 100% साक्षरता और चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता में कोताही न बतरने के दिये निर्देश

Last Updated 03 Jun 2024 06:47:51 AM IST

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि अब जरूरत है कि हमारी संस्थाएं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को 100% अपनाकर अन्य संस्थाओं के लिए रोल मॉडल बनें।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

यूपी के सीएम ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की शैक्षिक व चिकित्सकीय समेत सभी संस्थाओं ने हमेशा अपने-अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए समाज और राष्ट्र के हित में अपनी उपयोगिता प्रमाणित की है।

सीएम योगी रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सभी संस्थाओं की वार्षिक समीक्षा और भावी कार्ययोजना को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने सभी संस्थाओं के प्रमुखों से उनकी सालभर की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी ली और आगामी कार्ययोजना को लेकर उनके लक्ष्यों पर अपने सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए सभी संस्थाएं परिसर संस्कृति को समृद्ध करने और निरंतर नवाचार पर ध्यान देने की तरफ अग्रसर हों।

इस शिक्षा परिषद की संस्थाओं ने सामाजिक सहभाग को भी अपने ध्येय का हिस्सा बनाया है और भविष्य में इसका दायरा और विस्तृत करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा परिषद की संस्थाओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंगीकार करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि यह शिक्षा परिषद सिर्फ स्कूल, कॉलेज या अस्पताल खोलने वाली संस्था नहीं है। बल्कि इसका ध्येय शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं के माध्यम से समाज और राष्ट्र के सामाजिक विकास में योगदान देना है। इस परिषद की नींव ही इसी भावना के साथ राष्ट्रीयता की भावना का पोषण करने के लिए, राष्ट्र हित में सुयोग्य नागरिक तैयार करने के लिए रखी गई। परिस्थितियां अनुकूल रही हों, या प्रतिकूल, परिषद इस समग्र लक्ष्य से कभी भी विचलित नहीं हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद की संस्थाओं में अनुशासित परिसर संस्कृति को सदैव प्राथमिकता पर रखा है। परिषद की संस्थाओं ने इस मामले में अनुकरणीय प्रयास किया है। परिसर में अनुशासन की भावना के साथ, स्वच्छता, हरियाली और सबका सबके प्रति सद्भाव रहे, इसका नियमित पर्यवेक्षण करना सभी संस्थाध्यक्षों की जिम्मेदारी है।

उन्होंने शिक्षा संस्थाओं में पठन-पाठन और चिकित्सा संस्थाओं में उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता में किसी भी तरह की कोताही न बतरने के निर्देश भी दिए।

समय लाइव डेस्क/आईएएनएस
गोरखपुर


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