गैंगस्टर अनिल दुजाना Encounter में ढेर, UP के कई कुख्यात माफिया STF के निशाने पर
उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों की सूची में शामिल कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने मेरठ में मार गिराया है।
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योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 66 माफिया को चिन्हित किया था जिसमें से अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद हो गई और कल यूपी एसटीएफ ने अनिल दुजाना को भी मार गिराया। अब चिन्हित माफियाओं की लिस्ट घटकर 63 हो गई है। जिन पर एसटीएफ बराबर नजर बनाए हुए है।
यूपी के मेरठ जिले में गुरुवार को यूपी STFR और अनिल दुजाना गैंग के बीच सीधी मुठभेड़ हुई, जिसमें कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना ढेर हो गया। एसटीएफ अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश ने बताया कि गैंगस्टर अनिल दुजाना एक वांछित अपराधी था, मेरठ के गंगनहर पर भोला की झाल के पास हमारी टीम ने उसे घेर लिया था। दुजाना ने बचने के लिए हमारी टीम पर गोलीबारी की और जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
उन्होंने बताया, "मुखबिर से गुप्त सूचना मिली थी कि गैंगस्टर अनिल दुजाना अपने गिरोह के कुछ सदस्यों से मिलने एक स्कॉर्पियो कार में जा रहा था। एसटीएफ टीम द्वारा घेर लिए जाने के बाद वह नियंत्रण खो बैठा और कार बिजली के खंभे से टकरा गई।"
गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल दुजाना पर 60 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी मांगने समेत अन्य मामले शामिल हैं।
एसटीएफ एएसपी ने कहा कि अनिल दुजाना के पास से दो पिस्टल और कारतूस बरामद हुए हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह भेजा गया है।
पुलिस के मुताबिक, कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना इलाके के दुजाना गांव का रहने वाला था। इस बदमाश पर दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा और आसपास के जिलों में इस पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी मांगने, डकैती और लूट जैसे गंभीर घटनाओं के 50 से अधिक अभियोग दर्ज हैं।
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आतंक का पर्याय माना जाता था।
वह उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों के उन 65 माफियाओं में शामिल था और कुछ दिन पहले ही जेल से रिहा हुआ था, जेल से रिहा होते ही इसने अपने मामले में गवाहों को और व्यापारियों को डराना धमकाना शुरू कर दिया था। पुलिस को लगातार कई शिकायतें मिल रही थीं। जानकारी मिली थी कि जेल से रिहा होते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में अपने खिलाफ गवाही दे रहे लोगों को धमकियां दी थीं।
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