यूपी में मिलेगा स्टार्टअप को बढ़ावा, सरपट दौ़ड़ेगी निवेश और रोजगार की गाड़ी

Last Updated 10 Aug 2022 11:06:41 AM IST

यूपी स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध तरीके से योजना को अमलीजामा पहना रहे हैं।


स्टार्ट अप

सेक्टर वाइज स्टार्टअप के प्रमोशन के लिए प्रदेश के पांच बड़े विभागों उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग में इंक्यूबेटर्स की स्थापना की जा रही है। इससे इन क्षेत्रों में नए स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा।

प्रदेश में स्टार्टअप के माध्यम से निवेश और रोजगार की गाड़ी सरपट दौड़ेगी। सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, स्टार्टअप के लिए एक हजार करोड़ रुपए निधि का कोष बनाया गया है। स्टार्टअप नीति के तहत प्रदेश में 10 विश्वविद्यालयों, राजकीय इंजीनियरिंग कालेजों और एकेटीयू के घटक संस्थानों में 15 इनक्यूबेटर्स स्थापित किए गए हैं।

एक इनोवेशन हब की भी स्थापना की गई है, जो नवाचार के प्रोत्साहन के लिए 200 से अधिक स्टार्टअप्स को सहयोग कर रहे हैं। एसजीपीजीआई लखनऊ में आठ स्टार्टअप पर काम किया जा रहा है। इसमें तीन स्टार्टअप एसजीपीजीआई के हैं। एसजीपीजीआई में मेडिकल और इंजीनियरिंग को जोड़कर उपकरण बन रहे हैं।

प्रदेश में मौजूदा वक्त में 6,850 से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हैं, सरकार ने करीब तीन करोड़ के स्टार्टअप प्रोत्साहन स्वीकृत किए हैं। सरकार का लक्ष्य इन्हें बढ़ाकर 10 हजार स्टार्टअप करने का है। 20 जिलों में 52 इंक्यूबेटर्स कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में कम से कम एक इंक्यूबेटर स्थापित होंगे, जो स्टार्टअप को सहयोग देंगे। सरकार की ओर से स्टार्टअप नीति भी जल्द संशोधित की जाएगी।

दो उत्कृष्टता केंद्र (एसजीपीजीआई-लखनऊ और आईआईटी-कानपुर) स्थापित हैं और तीसरा ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र के रूप में आईआईटी-कानपुर में विकसित किया जा रहा है। देश का सबसे बड़ा इंक्यूबेटर लखनऊ में बनाया जाना प्रस्तावित है।

 

आईएएनएस
लखनऊ


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