राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार मुमरू को वोट देंगे शिवपाल

Last Updated 10 Jul 2022 11:07:13 AM IST

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव ने शनिवार को कहा कि उन्होंने फैसला किया है कि वह आगामी राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुमरू को वोट देंगे।


प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव

शिवपाल यादव ने शनिवार को कहा, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मुझसे (द्रौपदी मुमरू के लिए) वोट देने को कहा था और मैंने फैसला किया है कि मैं उन्हें वोट दूंगा।’
यादव ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा था कि जो मेरा वोट मांगेगा, उसे वोट दूंगा। (राष्ट्रपति) रामनाथ को¨वद जी ने (पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान) दो बार मुझसे वोट देने का आग्रह किया था और मैंने उनका समर्थन किया था।’ उन्होंने सहयोगियों के गठबंधन छोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव की ‘राजनीतिक अपरिपक्वता’ को जिम्मेदार बताया।
दरअसल, विपक्षी गठबंधन के सहयोगी के रूप में फरवरी-मार्च उप्र विधानसभा चुनाव लड़ने वाले महान दल के केशव देव मौर्य पहले ही समाजवादी खेमे को अलविदा कह चुके हैं। जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के संजय चौहान ने भी सपा गठबंधन से किनारा कर लिया है। सपा के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर और यादव ने शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ द्वारा मुमरू के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया था। इन दोनों नेताओं के राजग प्रत्याशी के समर्थन से विपक्षी खेमे के माथे पर चिंता की लकीरें ¨खच गई हैं, क्योंकि वह इस पद के लिए यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहा है।

शिवपाल यादव ने हाल ही में इटावा में अपनी पारंपरिक जसवंत नगर सीट से सपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव जीता था। लेकिन विपक्षी खेमे को भाजपा के हाथों मिली के हार के बाद शिवपाल और अखिलेश एक-दूसरे से अलग हो गए। इसके बाद से इन दोनों के रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। शिवपाल यादव ने कहा, ‘मुझे (सपा की) किसी भी बैठक में नहीं बुलाया गया है, और मुझे कोई जानकारी नहीं दी गई है।’ उन्होंने कहा, ‘(सात जुलाई) को जब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा राजधानी आए थे, तब भी मुझे बैठक में नहीं बुलाया गया था, न ही मेरा वोट मांगा गया था। मुझे लगता है कि यह राजनीतिक परिपक्वता नहीं है। इसी वजह से गठबंधन के दोस्त साथ छोड़ रहे हैं।’    गौरतलब है कि सात जुलाई को विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा समाजवादी पार्टी कार्यालय में समर्थन मांगने आए थे।

भाषा
लखनऊ


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