मोदी सरकार की 10 लाख नौकरियों की घोषणा पर मायावती ने BJP से पूछा- ये नया चुनावी छलावा तो नहीं है

Last Updated 14 Jun 2022 03:36:12 PM IST

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने केंद्र सरकार के उस एलान पर प्रतिक्रिया दी है जिसमें डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है।


उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती (फाइल फोटो)

मायावती ने केंद्र द्वारा अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती करने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को पूछा कि यह कहीं नया "चुनावी छलावा" तो नहीं है ?

बसपा नेता ने एक ट्वीट में कहा,'' केन्द्र की गलत नीतियों एवं कार्यशैली के कारण गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी एवं रूपए का अवमूल्यन आदि अपने चरम पर है जिससे सभी त्रस्त एवं बेचेन हैं। तब केन्द्र ने अब अगले डेढ़ वर्ष में अर्थात लोकसभा आमचुनाव से पहले 10 लाख भर्तियों की घोषणा की है । तो यह कहीं नया चुनावी छलावा तो नहीं है? ''

मायावती ने कहा,''साथ ही, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के इससे कई गुणा अधिक सरकारी पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं जिनको विशेष अभियान चलाकर भरने की माँग बसपा संसद के अन्दर एवं बाहर भी लगातार करती रही है। उनके बारे में सरकार चुप है जबकि यह समाज गरीबी एवं बेरोजगारी आदि से सर्वाधिक दुःखी व पीड़ित है।’’



गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से कहा है कि वे ‘‘मिशन मोड’’ में काम करते हुये अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करें। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

पीएमओ ने कहा कि सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री का यह निर्देश आया है।

पीएमओ ने ट्वीट करके कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और मिशन मोड में अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिया।’’

दरअसल, बेरोजगारी के मसले पर कांग्रेस समेत देश के तमाम विपक्षी दल लगातार भाजपा सरकार पर हमला बोलते रहे हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी भी लगातार इस मसले को उठा
रहे हैं। इन नेताओं का यह आरोप है कि विभिन्न सरकारी विभागों में ही लाखों पद खाली पड़े हैं , जिन पर भर्तियां नहीं की जा रही है।

ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर से दिया गया यह निर्देश सरकार और भाजपा के लिए एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है क्योंकि अगले डेढ़ वर्षों यानि 2023 के आखिर तक अगर सरकार 10 लाख लोगों को अपने स्तर पर नौकरी दे देती है तो देश में रोजगार की स्थिति में हर स्तर पर सकारात्मक बदलाव आएगा , जिसका असर इसके कुछ महीनों बाद 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव पर भी पड़ना तय है।

भाषा/आईएएनएस
लखनऊ


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