मोदी पर साधा निशाना तो विपक्ष को खुद लगेगा तीर
उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति में भी तेजी से बदलाव कर रही हैं।
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विपक्षी दल भाजपा की उन कोशिशों को सफल नहीं होने देना चाहते जिसमें चुनाव को मोदी बनाम विपक्ष केंद्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार विपक्ष के नेताओं को यह बात समझ में आ रही है कि मोदी पर ज्यादा हमले उनकी संभावनाओं को बिगाड़ सकते हैं ऐसा पूर्व के चुनाव के परिणामों को देखते हुए माना जा रहा है। एक तरफ जहां भाजपा की पूरी कोशिश है कि राज्य का चुनाव मोदी बनाम विपक्ष पर केंद्रित हो जाए तो ही विपक्ष की पूरी कोशिश है कि राज्य का चुनाव विपक्ष बनाम योगी पर केंद्रित रहे।
कांग्रेस पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी के तमाम नेताओं को इस बात के निर्देश भी दे दिए हैं कि चुनाव अभियान के दौरान मुख्य निशाने पर योगी और उनकी सरकार के कामकाज को रखा जाए क्योंकि राज्य का चुनाव है ऐसे में मोदी को निशाने पर रखने के दुष्परिणाम हो सकते हैं।
विपक्षी पार्टयिों के द्वारा कराए गए तमाम आंतरिक सर्वे में भी यह बात उभरकर सामने आई है कि राज्य की जनता में अभी भी मोदी की लोकप्रियता चरम पर है और ऐसे में उन्हें निशाना बनाने का फायदा कम राजनीतिक नुकसान ज्यादा होने की आशंका बनी रहेगी इसके विपरीत राज्य में मुख्यमंत्री योगी और उनकी सरकार के कामकाज को लेकर लोगों में असंतोष है। विपक्ष के नेताओं की समझ में आ गया है यदि सत्ता विरोधी लहर का लाभ उठाना है तो निशाने पर योगी और उनकी सरकार को रखा जाए।
अभी लड़ाई में भाजपा को कड़ी चुनौती दे रही सपा के सूत्रों की माने तो उसके नेताओं से कहा गया है कि चुनाव अभियान में योगी सरकार के कामकाज को लेकर ही हमला बोला जाए और इसमें बड़े पैमाने पर बेरोजगारी महंगाई कानून व्यवस्था महिलाओं और दलितों पर अत्याचार और योगी के शासनकाल में हुई लोगों की परेशानी को केंद्रित रखा जाए।
वैसे भी देखा जाए तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग-अलग होते हैं विधानसभा चुनाव में मतदाता ज्यादातर राज्य के मुद्दों पर प्रभावित होते हैं ऐसे में सपा और कांग्रेस ने अपनी रणनीति में जो बदलाव किए हैं उसमें प्रदेश की कानून व्यवस्था से लेकर बेरोजगारी महंगाई, कोरोना काल की अव्यवस्थाओं, महिलाओं पर अत्याचार को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को घेरने की तैयारी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सपा और रालोद के जमीनी स्तर के नेताओं ने जो फीडबैक दिया है उसमें भी यही कहा गया है यदि मोदी को निशाना बनाया गया इसका उल्टा असर पड़ सकता है और राजनीतिक संभावनाएं कमजोर हो सकती हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार के लिए जो पुस्तिका छपाई है उसमें भी ज्यादातर मुद्दों पर राज्य की योगी सरकार और योगी को ही निशाने पर लिया गया है।
तमाम सर्वे में लोकप्रियता के पैमाने पर अभी भी राज्य में मोदी के सामने कोई भी दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है जबकि योगी की लोकप्रियता में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है ऐसे में विपक्ष को लगने लगा है यदि निशाने पर योगी को रखा जाएगा तो इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सकता है।
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