गो रक्षा से होगी विश्व की रक्षा, श्रीराम सेवा मिशन के कार्यक्रम में बोले : शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती
जब तक गोवंश की उपयोगिता को दोबारा खेती और व्यवसाय में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक गोवंश को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का कोई महत्व नहीं रह जाता है। इसके लिए सरकार को कठोर कदम उठाने होंगे। सबसे पहले सरकार को गौ कटान को बंद कराकर उसकी उपयोगिता को खेती और व्यवसाय में शामिल करने की जरूरत है। ये बातें शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी ने श्रीराम सेवा मिशन की ओर से आयोजित धर्म सभा एवं दीक्षा कार्यक्रम में अपने प्रवास के दूसरे दिन कही।
श्रीराम सेवा मिशन के कार्यक्रम में बोले : शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती |
सेक्टर-150 स्थित एस गोल्फ शायर सोसायटी के कम्युनिटी हॉल में प्रवास के दूसरे दिन धर्मसभा का आयोजन किया गया था। इस मौके पर उन्होंने गोवंश पर बात की। उन्होंने कहा कि गो हत्या यानी धरती की हत्या करना है। गो माता से जुड़े उत्पादों का इस्तेमाल अपनी जिंदगी में बढ़ाना होगा। गाय के गोबर का सही और ज्यादा इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं इस ओर ध्यान देना होगा। इसके साथ ही जितनी भी वस्तुएं गो उत्पाद से बनती हैं उनके इस्तेमाल पर भी जोर देना होगा। शंकराचार्य गो हत्या पर सरकारों की बेरुखी से नाराज दिखे और देश की सभी सरकारों को गो हत्या के लिए दोषी बताया।
धर्मसभा में बुद्धिजीवी, नौकरशाह, राजनीतिक हस्तियों समेत कई गण्यमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। साथ ही अपने मन की जिज्ञासा को शांत करने लिए सवाल पूछे। धर्मसभा में शामिल वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव के सवाल कि हिन्दू राष्ट्र कैसे बनेगा जबकि देश इतनी जातियों में बंटा है और कैसा होगा? इसका जवाब देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म का विलोप न हो इसके लिए सबको एकजुट होकर इस पर काम करने की जरूरत है। वहीं वरिष्ठ पत्रकार मधुकेर के धर्मातरण के मुद्दे पर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि शिक्षा की कमी, सरकारों की शिथिलता, लालच, आर्थिक संपन्नता की कमी की वजह से लोग वशीभूत होकर धर्मातरण की ओर अग्रसर हो रहे हैं। प्रसिद्ध कवियत्री कविता तिवारी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो दलित ऊंची जातियों के कारण दूसरे धर्म को अपना चुके हैं उनको वापस लाने के लिए उनके नेताओं को उन्हें समझाना होगा।
बिहार के पूर्व सांसद अरुण कुमार के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा हिन्दू धर्म और हिंदुत्व एक ही चीज है, हमें हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अपने चरित्र निर्माण पर काम करने की जरूरत है, हम अपने चरित्र का निर्माण धार्मिंक सोच के साथ करें तो हमारा चरित्र एक मजबूत और साहसिक चरित्र बनेगा। धर्म राष्ट्र के पहले होता है। शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद महाराज ऐसे संत हैं जिनके मार्गदशर्न के लिए पूरा विश्व लालयित रहता है। महाराज की बौद्धिक क्षमता और धर्म ज्ञान की ख्याति पूरी दुनिया में फैली है। शंकराचार्य भारी सुरक्षा के बीच अपने काफिले के साथ वृंदावन रवाना हो गए। उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों लोग विदाई समारोह में शामिल हुए। एस गोल्फ शायर सोसायटी में श्रीराम सेवा मिशन के संयोजक सचिन अवस्थी आयोजक थे। पुरी के शंकराचार्य अपने दो दिवसीय दौरे पर अवस्थी के विशेष आग्रह पर नोएडा स्मार्ट सिटी में पधारे थे। यह नोएडावासियों के लिए एक गौरव का पल रहा।
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