उप्र : बदनीयत धर्म परिवर्तन पर 10 साल की सजा !

Last Updated 25 Nov 2020 06:50:55 AM IST

झूठ बोल कर छल प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने कराने वालों से योगी सरकार सख्ती से निपटेगी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप्र : बदनीयत धर्म परिवर्तन पर 10 साल की सजा !

महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल शादी अमान्य घोषित होगी बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को दस साल की जेल और 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है। लव जिहाद को लेकर जारी दे्यापी बहस के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत प्रदेश में अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन के बढ़ते मामले और धर्म बदलने को लेकर विवाह के मामले में अब अधिकतम दस साल तक की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में कारावास कम से कम 3 वर्ष व अधिकतम सजा 10 साल की होगी।

योगी सरकार के प्रवक्ता मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया यह अध्यादेश ऐसे धर्म परिवर्तन को एक अपराध की श्रेणी में प्रतिषिद्ध करेगा, जो मित्था निरूपण, बल पूर्वक, असम्यक प्रभाव, प्रपीड़न, पल्रोभन या किसी कपट रीति से विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने के लिए किया जा रहा है। इसके तहत अवयस्क महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बारे में धर्म पर्वितन के लिए वृह्द दण्ड का प्रावधान करेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामलों में लिप्त पाये जाने पर ऐसे संगठनों का पंजीकरण निरस्त कर उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई होगी।

अध्यादेश में सिर्फ विवाह के लिए किसी एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्म बदलकर होने वाले विवाह को शून्य की श्रेणी में लाने के लिए भी प्रावधान है। अध्यादेश में मिथ्या निरूपण, बल , प्रलोभन या किसी कपट पूर्ण माध्यम द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन हेतु विवश करने के कृत्य को एक संज्ञेय  अपराध माना गया है और यह अपराध गैर जमानती प्रकृति का होने और उक्त अभियोग को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में विचारणीय बताने जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

अध्यादेश के उपबन्धों में प्रावधान है कि विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के मामले में कम से कम 1 वर्ष अधिकतम 5 वर्ष की सजा, जुर्माने की राशि Rs15000 से कम नहीं होगी, जबकि अवयस्क महिला, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में धारा 3 के उल्लंघन पर कारावास कम से कम 3 वर्ष अधिकतम 10 वर्ष तक की होगी और जुर्माने की राशि Rs25000 से कम नहीं होगी, सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में कारावास 3 वर्ष से कम नहीं किंतु 10 वर्ष तक हो सकेगा और जुर्माने की राशि Rs50000 से कम नहीं होगी।

सहारा न्यूज ब्यूरो
लखनऊ


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