यूपी: माफिया के खिलाफ कार्रवाई में कई जिले फिसड्डी

Last Updated 06 Jul 2020 09:53:36 AM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बावजूद जिलों में तैनात अधिकारी माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक रहे हैं।


मार्च माह में एसटीएफ द्वारा पुलिस मुख्यालय को मुहैया करायी गयी प्रदेश के टॉप–25 अपराधियों की सूची में जिलों द्वारा माफिया के खिलाफ की गयी कार्रवाई का शून्य पाया गया है। केवल वाराणसी पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी और उनके गुर्गों पर सख्ती दिखाई है तो वहीं दूसरी ओर एसटीएफ द्वारा सख्त रुख अपनाने पर प्रयागराज जिला प्रशासन ने माफिया अतीक अहमद द्वारा कब्जा की गयी जमीनों को अपने कब्जे में लिया है।

कानपुर कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सख्त तेवर अपनाने के बाद कुछ जिलों में माफिया के खिलाफ एक्शन होना शुरू हो गया है। नोएडा के सुंदर भाटी उर्फ नेता पर नोएडा पुलिस अब सख्ती दिखाते हुए उसकी संपत्तियों को जब्त कर रही है।

दरअसल एसटीएफ द्वारा जारी सूची में पहले स्थान पर मुख्तार अंसारी का नाम है जिनके खिलाफ वाराणसी पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। अंबेडकरनगर के कुख्यात अपराधी खान मुबारक के खिलाफ भी कुछ बिंदुओं पर कार्रवाई की गयी है। इसी तरह माफिया बृजेश कुमार सिंह‚ आजमगढ़ के कुख्यात अपराधी कुंटू सिंह और एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद की हत्या करने वाले अपराधी मुनीर के खिलाफ बिजनौर पुलिस ने कुछ कार्रवाई की है।

इसके अतिरिक्त गाजीपुर के उमेश राय उर्फ गौरा राय और त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार‚ लखनऊ के मोहम्मद सलीम‚ मोहम्मद शोहराब‚ मोहम्मद रुस्तम‚ ओमप्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव‚ वाराणसी के सुभाष सिंह ठाकुर‚ मुजफ्फरनगर के संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा‚ अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर‚ अनिल भाटी‚ सिंह राज भाटी‚ सुशील उर्फ मूंछ‚ अंकित गुर्जर‚ अमित कसाना‚ शामली के आकाश जाट‚ मेरठ के ऊधम सिंह‚ योगेश भदौड़ा और बागपत के अजीत उर्फ हप्पू के खिलाफ कार्रवाई होना बाकी है।

ध्यान रहे कि ये सभी अपराधी जेल में हैं और पुलिस को स्थानीय प्रशासन की मदद से उनके द्वारा जरायम की दुनिया से कमाई गयी अकूत संपत्तियों को जब्त करना है और उनके गुर्गों को भी सलाखों के पीछे भेजना है।

वरिष्ठ अधिकारी नहीं देते ध्यान

एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जब तक एडीजी जोन और आईजी रेंज जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद कमान नहीं संभालेंगे‚ माफिया के नेटवर्क को ध्वस्त कर पाना आसान नहीं होगा। इसका उदाहरण मुख्तार अंसारी है जिसके खिलाफ वाराणसी जोन के एड़ीजी ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।

दरअसल कई बार माफिया का राजनेताओं से गठजोड़ भी उनके खिलाफ कार्रवाई में आड़े आता है। प्रयागराज में अतीक की कब्जा की गयी जमीनों को खाली कराने में भी कुछ ऐसी ही दिक्कतें सामने आई थी पर एसटीएफ ने जिला प्रशासन की मदद से उसे खाली करवा लिया। फिलहाल अतीक और उसके कुनबे पर सीबीआई भी हमलावर है। वहीं प्रयागराज पुलिस ने अतीक के भाई अशरफ को दो दिन पहले गिरफ्तार किया है।

अशोक मिश्र
लखनऊ, एसएनबी


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