भाजपा सरकार का यह पैकेज राहत नहीं कर्ज की नई आफत : अखिलेश
कोरोना संकट में मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी तीसरी प्रेस वार्ता में किसानों के लिए कई घोषणाएं कीं।
![]() समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (फाइल फोटो) |
इस घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हमला बोलते हुई कहा कि यह पैकेज राहत नहीं कर्ज की नई आफत साबित होगा।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘20 लाख करोड़’ के नाटकीय धारावाहिक का एक और किसान विशेष महा-एपिसोड आज दिखा. बहलावे के खेत में, भटकावे के बीज डालकर, आंकड़ों की खेती की जा रही है, जिसे किसान न्यूनतम समर्थन भी नहीं देंगे. ये तथाकथित पैकेज राहत नहीं कर्ज की नई आफत साबित होगा।
‘20 लाख करोड़’ के नाटकीय धारावाहिक का एक और किसान विशेष महा-एपिसोड आज दिखा.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 15, 2020
बहलावे के खेत में, भटकावे के बीज डालकर, आँकड़ों की खेती की जा रही है, जिसे किसान न्यूनतम समर्थन भी नहीं देंगे.
ये तथाकथित पैकेज राहत नहीं क़र्ज़ की नई आफ़त साबित होगा.
इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा था कि भाजपा सरकार के फैसलों से साफ हो गया है कि उसकी नीतियों के चलते देश में अमीर-गरीब की खाई और चौड़ी हो जाएगी।
अखिलेश ने अपने जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार अमीरों के हितों के पोषण के लिए और गरीब, किसान तथा मजदूर के खिलाफ है। यह कौन सा किसानों के हित की घोषणा है कि किसानों को कर्ज लेने के लिए कहा जा रहा है। उनके निर्णयों से अमीर-गरीब की खाई ज्यादा चौड़ी हो रही है।
उन्होंने कहा कि बे-मौसम वर्षा-ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य उन्हें नहीं मिला, गन्ना किसान बदहाल हैं, बैंक और साहूकार ब्याज पर ब्याज वसूलते जा रहे हैं, खेती के काम आने वाले उपकरण और अन्य सामग्री सब महंगी है, ऐसे में क्या वे और कर्ज लेकर नहीं फंस जाएंगे?
अखिलेश ने कहा, "भाजपा सरकार के पैकेज की जैसे-जैसे परतें खुलती जा रही हैं, वैसे-वैसे इनका खोखलापन भी सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि कोई पैकेज नहीं दिया, जुमलों का पिटारा खोल दिया है। बच्चों के भविष्य का क्या होगा? श्रमिकों की रोज जान जा रही है। इस पर सरकार मौन है।"
सपा मुखिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार अब भेदभाव और विद्वेष के चलते गरीबों, मजदूरों को राशनपानी-भोजन की मदद देने वाले समाजवादी कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कर रही है और उन्हें राहत कार्य करने से रोक रही है। मेरठ, बुलंदशहर और कई अन्य जनपदों से ऐसी शिकायतें मिल रही हैं।
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