दिल्ली मरकज से लौटे एयू प्रोफेसर ने छिपाई यात्रा विवरण, मामला दर्ज

Last Updated 10 Apr 2020 01:05:33 PM IST

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (एयू) के एक प्रोफेसर, जिन्होंने दिल्ली में तबलीगी जमात बैठक में भाग लिया, लेकिन पुलिस को इस बारे में सूचित नहीं किया। उन्हें गुरुवार से करेली इलाके के एक गेस्ट हाउस में परिवार के साथ क्वारंटीन में रखा गया है।


पुलिस ने उसकी यात्रा विवरण को छिपाने के अपराध में शिवकुटी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की है।

उसे धारा 269 (लापरवाही से काम करना और जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना), धारा 270 (घातक बीमारी फैलने की संभावना वाले कार्य) और धारा 271 (भारतीय दंड संहिता की संगरोध नियम की अवज्ञा) महामारी रोग अधिनियम, 1897 के अनुसार मामला दर्ज किया गया है।

तबलीगी जमात से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले प्रोफेसर को उनकी पत्नी और गोद लिए गए बेटे के साथ क्वारंटीन में रखा गया है।

पुलिस के अनुसार, प्रोफेसर शहर के रसूलाबाद इलाके का निवासी है और कुछ महीने पहले इथियोपिया भी गया था।

जब वह इथियोपिया से नई दिल्ली लौटा, तो उसने 6 से 10 मार्च तक निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात बैठक में हिस्सा लिया था।

वह 11 मार्च को वापस इलाहाबाद आया और 12-16 मार्च तक वार्षिक परीक्षाओं के दौरान उसे निरक्षक की ड्यूटी सौंपी गई। वह एक परीक्षा हॉल में ड्यूटी पर था, जहाँ लगभग 150 छात्र पाँच दिनों के लिए परीक्षा दे रहे थे।

जानकारी मिलने पर, एसपी (शहर) बृजेश कुमार श्रीवास्तव और उनकी टीम प्रोफेसर के घर पहुंची और उनकी यात्रा विवरण की पुष्टि करने के बाद, परिवार को करेली के एक गेस्ट हाउस ले जाया गया, जहाँ एक मेडिकल टीम ने गले और नाक के स्वाब के सैंपल एकत्र किए।

एसएसपी (प्रयागराज) सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा, "हम अब उन छात्रों और संकाय सदस्यों की पहचान कर रहे हैं, जो प्रोफेसर के संपर्क में आए थे। हम प्रोफेसर के परिवार के अन्य सदस्यों से भी मिलेंगे, जिनके संपर्क में वह दिल्ली से लौटने के बाद आए।"

रिपोटरें के अनुसार, प्रोफेसर लंबे समय तक तबलीगी जमात से जुड़े रहे और संगठन के कई उच्च पदों पर रहते हुए कई देशों का दौरा किया।

आईएएनएस
प्रयागराज (यूपी)


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