कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में अलर्ट जारी करने के साथ ही राज्य की राजधानी में पुराने शहर के चार इलाकों को सील कर दिया गया है।
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अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि लखनऊ में सील किए गए इलाकों में तालकटोरा क्षेत्र में पीर बक्श मस्जिद, कैसरबाग के फूल बाग में रहमानिया मस्जिद, वजीरगंज के अस्तबल चारबाग में मोहम्मदी मस्जिद और सआदतगंज के यशगंज में एक घर शामिल है।
यह कदम कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित हुए तबलीगी जमात के सात सदस्यों द्वारा पिछले दो सप्ताह तक इन क्षेत्रों में रहने के बाद उठाया गया है।
एडीसीपी ने कहा कि इन सात में से तीन जमाती असम से और दो-दो क्रमश: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले और राजस्थान के जयपुर से लखनऊ में मस्जिदों में धार्मिक समारोहों में भाग लेने के लिए आए थे।
उन्होंने कहा, "इन लोगों ने कहां-कहां यात्रा की इसकी जांच की जा रही है।"
सदर में कासीबाड़ा इलाका कोविड-19 के प्रसार का केंद्र बन कर उभरा, इसे शुक्रवार को ही सील कर दिया गया। यहां मस्जिद में 12 तबलीगी जमात के सदस्य रह रहे थे, जिनमें कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
त्रिपाठी ने कहा कि चार नए इलाकों को उचित स्वच्छता और वहां रहने वाले लोगों की चिकित्सा जांच सुनिश्चित करने के लिए सील कर दिया गया।
उन्होंने कहा, "पुलिस कर्मी संदिग्ध मरीजों के नमूने एकत्र करने के लिए चिकित्सा टीमों की सहायता कर रहे हैं।"
लखीमपुर जिले में तीन अन्य लोगों में कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद जिले में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या चार हो गई है। पूरे घटनाक्रम के मद्देनजर जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कुछ दिन पहले दिल्ली से लौटे बिहार के मधेपुरा के तीन लोग धौरहरा क्षेत्र की विभिन्न मस्जिदों में ठहरे थे।
लखीमपुर के जिला मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा, "इन लोगों को कुछ साथी ग्रामीणों के साथ क्वारंटाइन किया गया था और जांच के लिए उनके नमूने लखनऊ भेजे गए थे। 12 नमूनों में से तीन में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है।"
इससे पहले इस्तांबुल की यात्रा करने वाला लखीमपुर का एक व्यापारी 19 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था।
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