मेरठ SP के 'चले जाओ पाक' बयान पर बढ़ा विवाद, प्रियंका ने BJP पर बोला हमला

Last Updated 28 Dec 2019 01:30:13 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुस्लिमों के समूह को एक पुलिस अधिकारी द्वारा पाकिस्तान चले जाने के लिए कहने वाले वीडियो पर विवाद पैदा हो गया है।


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (फाइल फोटो)

दरअसल, सीएए को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर पुलिस अधीक्षक (नगर) अखिलेश नारायण सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह यह बात कहते हुए दिख रहे हैं। वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है।      

इस वीडियो पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने संस्थाओं में सांप्रदायिकता का जहर इस हद तक घोल दिया है कि अधिकारियों को संविधान की कसम की भी कद्र नहीं रह गई।   

प्रियंका ने ट्वीट में कहा, ‘‘भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता। जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।’’   

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिकता का जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की भी कोई कद्र नहीं है।’’   

समाजवादी पार्टी के नगर विधायक रफीक अंसारी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि एक संवैधानिक पद पर बैठे पुलिस अधिकारी को संयम रखना चाहिए। उन्हें इस तरह की गैर संवैधानिक बातें नहीं कहनी चाहिए। आखिर जिन लोगों के बारे में वह बोल रहे हैं वह भी देश के ही लोग हैं।    

वायरल हुए इस वीडियो में पुलिस अधीक्षक (नगर) अखिलेश नारायण सिंह एक समुदाय के लोगों से कहते दिख रहे हैं कि जो हो रहा है वह ठीक नहीं है। इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वह गलत हैं। इस पर अधिकारी कहते हैं कि उनको कह दो वह दूसरे मुल्क चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।  

इस संबंध में स्थानीय मीडिया को सफाई देते एसपी सिटी ने कहा कि जो कुछ भी वीडियो में सुना गया है वह प्रदर्शनकारियों के उस समूह को जवाब था जो पाकिस्तान के समर्थन में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे रहे थे।      

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिक्रिया स्वरूप, मैंने यह सलाह दी कि यह बेहतर होगा कि वहां चले जाएं जहां के समर्थन में वे नारे लगा रहे थे।’’     

वहीं मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने भी एसपी का बचाव करते हुए कहा है कि वायरल हुई वीडियो बीते 20 दिसम्बर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद की है। उन्होंने बताया कि इसमें तथ्य यह है कि वहां भारत विरोधी और पड़ोसी देश जिन्दाबाद के नारे लग रहे थे और कुछ लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के आपतिजनक पर्चे बांट रहे थे।      

इस सूचना पर एसपी सिटी और एडीएम सिटी मौके पर गए थे। उन्होंने उपद्रवियों से कहा था आप जाना चाहते हैं तो कहीं भी जाए लेकिन यहां उपद्रव ना करें।    

उन्होंने कहा कि घटना के एक सप्ताह बाद इस तरह के वीडियो वायरल होना विशेषकर जब कल शुक्रवार को शांति थी, एक साजिश का हिस्सा है ताकि यहां के हालात सामान्य ना हो पाएं।      

उन्होंने स्थानीय जनता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां के लोंगो ने प्रण लिया है सभी लोग पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर शहर के हालात को सामान्य बनाए रखकर असामाजिक तत्वों की किसी भी साजिश को सफल नही होने देंगे।       

उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में मेरठ में 20 दिसंबर को भारी बवाल हुआ था। मेरठ में गोली लगने से पांच युवकों की मौत हो गई थी। उपद्रवियों ने पुलिस की दो दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को फूंक दिया था। जमकर पथराव और फायरिंग की गई। 

भाषा
मेरठ


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