CAA विरोध: जुमे की नमाज से पहले यूपी के 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद

Last Updated 27 Dec 2019 11:44:45 AM IST

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 जिलों में शुक्रवार मध्यरात्रि तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दिया है। हालांकि शुरुआत में राज्य के नौ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने गुरुवार मध्यरात्रि को एक आदेश जारी किया कि शुक्रवार मध्यरात्रि तक 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।


(फाइल फोटो)

हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद जुमे की नमाज को देखते हुये बवाल की संभावना पर प्रदेश में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

राज्य में आज नमाज के बाद सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़ा सुरक्षा घेरा बना दिया गया है। पुलिस के अनुसार फिलहाल हालात सामान्य है। धारा 144 लगी हुई है, लेकिन एहतियात बरते जा रहे हैं ताकि दोबारा से हिंसक प्रदर्शन ना हो सके। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुई हिंसा के बाद अब राज्य में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।

बवाल की संभावना को देखते हुए संवेदनशील जिलों में प्रशासन ने पहले से ही एहतियातन इंटरनेट बंद करने का एलान कर दिया है। जिन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद किया गया है, उनमें लखनऊ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, कानपुर, फिरोजाबाद, बरेली, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, मुजफ्फरनगर, संभल, शामली, वाराणसी, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ शामिल हैं।

इंटरनेट सेवा इसलिए बंद की गई है, ताकि किसी भी तरह की कठिन परिस्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना के प्रसार को रोका जा सके।

राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को छूट दे रखी है कि अगर मामला संवेदनशील और सांप्रदायिक तनाव की संभावना है तो एहतियात के तौर पर अपने इलाके में इंटरनेट को बंद करा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि सभी जिलों में शांति कमेटी की बैठक आयोजित की गई है और लोगों को इस कानून के बारे में जानकारी दी जा रही है। संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सभी जिलों में मौलानाओं, मौलवियों और मुस्लिम संगठनों से शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग की अपील की गई है। लोगों को आगाह किया गया है कि वो किसी के बहकावे में नहीं आयें और हिंसा से दूर रहें। पुलिस का पूरा प्रयास है कि किसी निर्दोष पर कोई कार्रवाई नहीं हो लेकिन हिंसा में शामिल लोगों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जायेगा।

सीसीटीवी फुटेज और वीडियो से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की गई है और उनके पोस्टर भी लगाये गये हैं। लोगों को ऐसे लोगों को पहचान बताने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान बताने वालों की पहचान गुप्त रखी जायेगी।

इंटरनेट सेवा के लगातार बंद होने से लोगों में नाराजगी

प्रयागराज के एक विद्यार्थी मानव अग्निहोत्री ने शुक्रवार सुबह कहा कि इंटरनेट सेवा के बंद होने से उसकी पढ़ाई पर प्रभाव पड़ रहा है। विद्यार्थी ने कहा, "पढ़ाई के लिए हम इंटरनेट पर निर्भर हो गए हैं और इससे मेरी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, क्योंकि मैं आगामी साल में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं।"

एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी छत्रपाल सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "यदि पूरी कानून-व्यवस्था इंटरनेट पर निर्भर है, तो सरकार को चाहिए कि वह राज्य में स्थायी रूप से इंटरनेट निलंबित कर दे। कहने को यह डिजिटल युग है, लेकिन हर दूसरे दिन हमें नेटवर्क ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है।"

इंटरनेट सेवा के बंद होने से नए साल के लिए आयोजित होने वाले समारोह भी प्रभावित होने लगे हैं।

इन दिनों बुकिंग से लेकर ऑर्डर की डिलिवरी ऑनलाइन ही की जाती है। हालांकि हिंसा और बंद को देखते हुए असुरक्षा की भावना के कारण लोगों ने नए साल की पूर्व संध्या पार्टियों के लिए बुकिंग रद्द करनी शुरू कर दी है।

वार्ता/आईएएनएस
लखनऊ


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