नोएडा-ग्रेटर नोएडा को योगी सरकार की सौगात

Last Updated 04 Dec 2019 05:47:49 AM IST

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में मंत्रिमंडल की बैठक में नोएडा से ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क तक 2,682 करोड़ रुपए की लागत से 14.95 किमी. की मेट्रो परियोजना को मंजूरी दी गई।


उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

इसके अलावा कैबिनेट ने एनसीआर नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में मुकदमे में फंसी जमीनों को जीरो पीरियड का लाभ दिया है। इसके तहत सरकार बिल्डर से कोई सरचार्ज नहीं लेगी। इस छूट का लाभ बिल्डर अपने खरीदारों को देगा। इस घोषणा का लाभ उन्ही बिल्डर्स को मिलेगा जो 2021 तक अपने प्रोजेक्ट्स पूरे करके बायर्स को कब्जा देकर सरकार को इसकी जानकारी दे देंगे। बिल्डर्स के जो मामले सरकारी वजहों मसलन जमीन न मिलने, पॉलिसी में फंसे होने या ऑथरिटी के गलती से फंसे हैं, उनके लिए फंसी हुई अवधि ‘जीरो पीरियड’ मानी जाएगी। उनका इंट्रेस्ट माफ किया जाएगा। यह छूट उन्हीं बिल्डर को दी जाएगी, जो इसका फायदा खरीदार को देंगे, साथ ही जून 2021 तक पजेशन देंगे।

कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह एवं श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने इसके अलावा ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल एयरो स्पेस एंड एम्प्लॉयमेंट’ नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी सहित 34 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। रक्षा गलियारे में निवेश करने वाली कंपनियों को जमीन खरीदने पर 25 और स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत सब्सिडी को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही जिस स्थान पर कंपनियां निवेश करेंगी वहां पर सड़क, पानी और बिजली जैसी सभी आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था भी सरकार करेगी।

क्या है जीरो पीरियड
प्रदेश सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नोएडा-ग्रेटर नोएडा में मुकदमें में फंसी  परियोजनाओं को शतरे के साथ जीरो पीरियड का लाभ दिया है। यानी उस अवधि को जीरो पीरियड माना जाएगा जिस अवधि में प्राधिकरण की गलतियों की वजह से प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी हुई और इस अवधि का कोई ब्याज नहीं देना होगा। हालांकि इस छूट का लाभ बिल्डर को अपने खरीदारों को देना होगा। इसके अलावा उन बिल्डरों को ही जीरो पीरियड का लाभ मिलेगा जो 2021 तक अपने प्रोजेक्ट पूरे करके खरीदारों को कब्जा देकर सरकार को इसकी जानकारी दे देंगे।

►सरकारी वजहों जैसे जमीन का कब्जा न मिलने, नीतिगत मामलों व प्राधिकरण की गलती से फंसे प्रोजेक्टों को मिलेगा लाभ
►उक्त वजहों से निर्माण बंद होने या निर्माण न पूरा होने की अवधि को ही ‘जीरो पीरियड‘ माना जाएगा और इस अवधि का ब्याज माफ होगा।
►यह छूट उन्हीं बिल्डरों को मिलेगी जो इसका फायदा अपने खरीदारों को देंगे। इसके अलावा जून 2021 तक निर्माण पूरा कर पजेशन देने के बाद सरकार को सूचित कर देंगे।

भाषा
लखनऊ


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