स्वागत में बनारस में उमड़े लोग, प्रधानमंत्री बोले, धन्य है काशी, अभिभूत हूं

Last Updated 28 May 2019 06:07:13 AM IST

दूसरी बार बनारस से सांसद चुने जाने के बाद सोमवार को आभार यात्रा पर यहां पहुंचे नरेन्द्र मोदी को काशी ने पलकों पर उठा लिया।


वाराणसी : काशी विश्नाथ मंदिर में पूजा करते पीएम नरेंद्र मोदी। उनके साथ हैं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह। फोटो : प्रेट्रे

उनके स्वागत में हवाईअड्डे से पुलिस लाइन तथा इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर तक में सड़कों पर ढोल-नगाड़े, गीत, संगीत तथा नृत्य के जरिये लोक संस्कृति अपनी पूरी छटा में खिल उठी। विश्वनाथ मंदिर पहुंच कर नमो ने साविधि बाबा विनाथ का दर्शन-पूजन किया तथा देश को उन्नतिशील व प्रगतिशील बनाने के साथ ही राष्ट्रकल्याण की कामना के साथ अर्चना की। दर्शन-पूजन के बाद बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित अपने अभिनन्दन समारोह में पहुंचे।

जहां उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की संतुष्टि ही हमारे जीवन का मंत्र है। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, सम्प्रदाय का गुणा भाग लगाकर चुनाव लड़ने वाले धराशायी हो गये। जब अंकगणित फेल होता है तो केमिस्ट्री की जीत हो जाती है। वहीं हुआ। जनता ने जोड़-तोड़ करने वालों को नकार दिया। राजनीतिक पण्डितों ने भी ऐसे कयास लगाये कि जैसे अंकगणित की राजनीति को ही इस बार सफलता मिलने जा रही है लेकिन जनता ने सबको सिरे से खारिज कर दिया।

मोदी की बनारस से संसदीय राजनीति की दूसरी पारी की यह पूरी यात्रा कदम-कदम पर हर-हर महादेव तथा मोदी-मोदी के उद्घोष की साक्षी बनती रही। हमारे पिछले रोड-शो में जिस तरह से गलियों, चौबारों, सड़कों पर काशी उमड़ी वह पूरे विश्व के लिए दर्शनीय था। इसी ताकत ने मुझे न केवल विजय के प्रति निश्चित बना दिया बल्कि पूरी दुनिया में हर मोच्रे पर देश का परचम लहराने की शक्ति भी दी। मोदी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे।

नमो ने कार्यकर्ता सम्मेलन में उप्र के चुनाव परिणामों को राजनीति के मील का पत्थर बताते हुए कहा कि स्वार्थ के लिए कोई महागठबन्धन देश को मजबूत करने के लिए चल रहे अभियान को रोक नहीं पायेगा। देश अब जाति व धर्म से ऊपर उठकर नयी करवट ले रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस बदलाव को सही दिशा देने की शक्ति मुझे काशी से मिलती है।

यह काशी अविनाशी तो है ही स्नेह तथा अपनत्व का भण्डार भी है। मैं काशी आकर बार-बार अभिभूत होता हूं। उन्होंने राजनीतिक हिंसा पर भी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि चाहे बंगाल हो या केरल, त्रिपुरा हो या कश्मीर। हमारे कार्यकर्ताओं को राजनीतिक विचारधारा के कारण मौत के घाट उतारा जा रहा है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
वाराणसी


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