शिया वक्फ बोर्ड का PM को खत, कहा- खत्म हों मदरसे
उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदरसा बोर्डों को समाप्त कर देश में समान शिक्षा नीति लागू करने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी (फाइल फोटो) |
बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश में मदरसा बोर्डों को समाप्त किया जाये. 11 पृष्ठ के अपने पत्र में रिजवी ने कहा है कि मुसलमानों के बच्चों को कट्टरपंथी मानसिकता से बचाने के लिये मदरसा बोर्डों को समाप्त किया जाना जरूरी है.
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि मदरसों को राज्य शिक्षा बोर्ड सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड से सम्बद्ध कर सामान्य शिक्षा नीति बनायी जाये. उनका कहना है कि मुस्लिम समाज के बच्चों को कट्टरपंथी मानसिकता से बचाने के लिये इससे बेहतर उपाय नहीं हो सकता. उन्होंने आरोप लगाया है कि मदरसा बोर्डों से सम्बद्ध मदरसों में बच्चों का कुछ संगठन और कुछ मौलवी मानसिक शोषण करने की साजिश करते हैं. इस साजिश से बच्चों को बचाने के लिये मदरसा बोर्डों को समाप्त करना जरूरी हो गया है.
उन्होंने कहा कि मदरसा बोर्डों को समाप्त करने से भारत एक अच्छा धर्मनिरपेक्ष देश बनकर दुनिया में विकासशील देशों के स्तर पर एक बड़ी ताकत बन सकता है.
पत्र भेजने के बाद रिजवी ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश में समान शिक्षा नीति लागू हो. बच्चों में देश के प्रति अच्छी भावना पैदा हो. आने वाली पीढ़ियों को देश के बारे में बताते हुए एक शिक्षा नीति चलायी जायेगी तो देश का विकास तो होगा ही आपस में भाईचारा भी बढ़ेगा.
गौरतलब है कि हाल ही में रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये एक समझौता प्रस्ताव दिया था, जिसके तहत विवादित धर्मस्थल पर राम मंदिर का निर्माण और लखनऊ के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मस्जिद-ए-अमन का प्रस्ताव सरकार को दिया था.
रिजवी ने कहा था कि बाबर के नाम पर किसी मस्जिद का निर्माण नहीं होना चाहिये. उन्होंने इस प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट में गत 18 नवम्बर को दाखिल किया है. अयोध्या के मंदिर मस्जिद का विवाद का मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
प्रस्ताव में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि, श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सदस्य डॉ राम विलास दास वेदान्ती, विश्व हिन्दू परिषद मार्ग दर्शक मण्डल के सदस्य डॉ रामेश्वर दास, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, अयोध्या मामले पक्षकार धर्मदास, निर्मोही अखाड़ा के महंत रामदास, अयोध्या के बड़ा भक्तमाल मंदिर के महंत अवधेश दास आदि के भी हस्ताक्षर थे.
रिजवी की मांग पर कई मौलानाओं को आपत्ति
रिजवी के मदरसा बोर्ड को समाप्त किये जाने की मांग पर कई मौलानाओं ने आपत्ति जतायी है. लखनऊ के मौलाना रशीद फिरंगी महली ने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष की मांग अनुचित है. मदरसों में आधुनिक शिक्षा दी जा रही है. मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे देशभक्त हैं. रिजवी ने इस तरह की मांग कर मदरसों और उसमें पढ़ने वालों बच्चों की देशभक्ति पर सवाल खड़ा करने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि अपनी बात कहने की आजादी सभी को है लेकिन दूसरे की देशभक्ति पर सवाल उठाने का अधिकार किसी को नहीं है. एक मदरसे में शिक्षक मौलाना अकरम ने भी रिजवी की मांग को अनुचित बताया और कहा कि वह एक जिम्मेदार पद पर हैं. उन्हें इस तरह के विषयों से बचना चाहिये.
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