बिना काम के नाम कमाने की कला में भाजपा माहिर: सपा

Last Updated 03 Sep 2017 06:38:32 PM IST

समाजवादी पार्टी ने कहा कि बिना किसी काम के नाम कमाने की कला में भारतीय जनता पार्टी को महारत हासिल है.


पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी (फाइल फोटो)

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने रविवार को लखनऊ में कहा कि पिछले पांच माह में भाजपा सरकार ने राज्य में एक भी अपनी योजना का परिचय तक नहीं कराया, बल्कि समाजवादी सरकार ने जो योजनाएं लागू की थी उन्हें ही अपनी उपलब्धि बता रही है. इस संबंध मे ताजा उदाहरण मेट्रो रेल का पांच सितम्बर को दोबारा उद्घाटन कर जनता की आंख में धूल झोंकने का एक और काम होगा.
     
चौधरी ने कहा कि सच तो यह है कि केंद्र सरकार बराबर मेट्रो परियोजना में अडंगे डालती रही थी. एनओसी देने में भी देरी की गई क्योंकि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार थी.
लखनऊ की जनता यह बात भूली नहीं है कि उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसम्बर में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वयं मेट्रो रेल का ट्रायल रन कराया था और दो चालक लड़कियों को लाल रंग की मेट्रो रेल की चाबी देकर उसके ट्रायल को हरी झंडी भी दिखाई थी.
     
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजधानी में मेट्रो रेल का उपहार देकर नागरिकों को आवागमन की एक बड़ी सुविधा प्रदान करने का काम किया है. उन्होंने ही स्मार्ट कार्ड और वाईफाई सुविधा की व्यवस्था की है. इसके स्टेशनों के नाम हिंदी अंग्रेजी उर्दू में लिखाने की व्यवस्था की है. यादव ने लखनऊ के अतिरिक्त आगरा, कानपुर, मेरठ, नोएडा तथा वाराणसी में मेट्रो रेल परियोजना की रिपोर्ट तैयार कराने का काम भी शुरू कर दिया था जिसे भाजपा सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया.


     
सपा प्रवक्ता ने कहा कि यादव ने लखनऊ को जो सुविधा दी अब भाजपा राज में दूसरे जिले उससे वंचित ही रहेंगे क्योंकि भाजपा में न तो जनहित में साहसिक निर्णय लेने की क्षमता है और न ही वह दूरदृष्टि है जो असंभव को संभव बनाना जानती है. यह अखिलेश का ही विजन है जो उन्होंने मेट्रो जैसी बड़ी योजना लागू की थी. मेट्रो के माध्यम से उन्होंने गंगा-यमुना संस्कृति को बढ़ावा दिया. इसमें लखनऊ की पहचान चिकनकारी को भी स्थान दिया गया है. मेट्रो का यह भी संदेश है कि इसमें सभी वर्गो और समुदायों का स्वागत है.
     
उन्होंने कहा कि यादव ने इस योजना के शिलान्यास के समय ही दो वर्ष के अन्दर 2016 तक इसके लोकार्पण का भी इरादा कर लिया था जिसे उन्होंने पूरा करके दिखाया था. 
लखनऊ की जनता अखिलेश की मेट्रो रेल के लिये हमेशा आभारी रहेगी.

भाषा


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