आरएसएस की बैठक में आर्थिक और सुरक्षा के मुद्दे हैं छाये
उत्तर प्रदेश में वृन्दावन के केशवधाम में चल रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक(आरएसएस) की तीन दिवसीय समन्वय बैठक में देश की सुरक्षा और आर्थिक मुद्दे छाये रहे.
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आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के शुरू होने के पहले संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा0 मनमोहन वैद्य ने कहा था कि बैठक में आर्थिक पक्ष एवं सुरक्षा पक्ष पर विशेष रूप से चर्चा होगी.
समन्वय समिति की बैठक शुरू होते ही पहले सा में कश्मीर और चीन का मुद्दा छाया रहा. देश की आंतरिक और बाय सुरक्षा को लेकर दिए सुझावों में प्रचारकों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने देशभक्त कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की. विहिप अध्यक्ष प्रवीन तोगड़यिा गत गुरुवार देर शाम ही बैठक में भाग लेने के लिए केशव धाम पहुंच गए थे जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार तड़के वृंदावन पहुंचे थे.
संघ की समन्वय समिति की वृंदावन के केशवधाम में चल रही बैठक में संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों के बड़े पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उद्घाटन सा में भी बैठक में भाग लिया. बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ सभी प्रचारक मौजूद हैं.
देश की सुरक्षा और आर्थिक मुद्दे केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा रक्षा एवं वित्त मंत्री अरूण जेटली के सामने उठाया जाना था. संघ की समन्वय समिति बैठक में दोनों मंत्रियों के भाग लेने का कार्यक्रम था.
बैठक में दोनो मंत्रियों के भाग लेने से देश की उन ज्वलंत समस्याओं पर भी चर्चा होने की उम्मीद थी. केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को दो दिन रूकना था और अरूण जैटली को कम से कम एक दिन रूकना था. माना जा रहा है कि केन्द्रीय मांिमंडल में फेरबदल के कारण दोनों मंत्री इस बैठक में भाग नही ले रहे हैं.
केन्द्र के इन दो मंत्रियों को बुलाकर जहां चीन की समय समय पर दी जाने वाली घुड़की का जवाब तलाशने का प्रयास किया जाना था वहीं कश्मीर में आतंकवाद और युवाओं के पत्थर फेंकने की घटनाओं पर लगाम लगाने की व्यूह रचना तैयार करने की अपेक्षा थी.
आरएसएस के 35 संगठनों के 180 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आर्थिक मुद्दों विशेषकर नोटबंदी और जीएसटी पर चर्चा हुई. बैठक में वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का मुद्दा भी उठा.
बैठक में कश्मीर पर नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों की सराहना की गयी. प्रतिनिधियों का कहना था कि कश्मीर में पत्थरबाजों पर रोक लगाने में सरकार सफल रही है. बैठक में भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि पत्थरबाजी की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आयी है.
संगठन पर केंद्रित बैठक के दौरान कश्मीर और केरल की परिस्थिति पर भी प्रस्ताव आए. कश्मीर में पत्थरबाजी पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की गई.
इसमें नोटबंदी के योगदान को भी स्वीकारा. केरल में वामपंथी सरकार के उत्पीड़न के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाने का प्रस्ताव बैठक में रखा गया, जिस पर सर्वसम्मति दिखी. बैठक में संघ ने कश्मीर में सहयोगी संगठनों को सरकार के साथ मिलकर युवाओं को रोजगार देकर अलगाववाद को खत्म करने का मां दिया.
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