गोरखपुर हादसा :बच्चों की मौत के एक और आरोपी डॉ. कफील गोरखपुर से गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए आज गोरखपुर से डॉ. कफील खान को पकड़ लिया.पिछले महीने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो दिन के दौरान 30 बच्चों की मौत के बाद खान को पद से हटा दिया गया था.
![]() फाइल फोटो |
डॉ. कफील खान गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बीआरडी) के 100 बेड वाले एईएस वार्ड के नोडल अधिकारी थे. दस और 11 अगस्त को 30 बच्चों की मौत के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था.
स्पेशल टास्क फोर्स के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने बताया कि डॉ. खान को आज सुबह लगभग नौ बजे गोरखपुर से पकड़ा गया. यह एक बड़ी कामयाबी है. उन्हें गोरखपुर पुलिस के सुपुर्द किया जा रहा है.
इससे पहले एसटीएफ ने मामले में पूछताछ के लिये मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य राजीव मिश्र और उनकी डॉक्टर पत्नी को 29 अगस्त को हिरासत में लिया था.
मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत मामले में दर्ज एफआईआर में मिश्र और उनकी डॉक्टर पत्नी पूर्णिमा शुक्ल का नाम भी शामिल है. दोनों को कानपुर में पकड़ा गया, जहां दोनों कथित रूप से किसी वकील से सलाह मशविरा करने गये थे.
उधर, अपर सत्र न्यायाधीश शिवानंद सिंह ने एफआईआर में नामित नौ में से सात लोगों के खिलाफ कल गैर जामानती वारंट जारी किया था. इससे एक दिन पहले ही राजीव और पूर्णिमा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनन्द कुमार ने बताया कि मेडिकल कालेज में इन्सेफेलाइटिस वार्ड के प्रभारी रहे डॉ. कफील को एसटीएफ ने तड़के उस समय गिरफ्तार किया जब वह कहीं भागने की फिराक में था. गोरखपुर की एक स्थानीय अदालत ने कल ही उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया था.
एसटीएफ की नजर अब मेडिकल कालेज में आक्सीजन की आपूर्ति करने वाली फर्म के मालिक पर है. एसटीएफ ने उसकी गिरफ्तारी के लिये तानाबाना बुनना शुरु कर दिया है.
गौरतलब है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में बच्चों की हुई मौतों को लेकर देश और प्रदेश में काफी हो-हल्ला मचा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने बच्चों की मौतों के दोषियों को किसी भी हालत में नहीं बख्सने की बार बार चेतावनी दी थी. हालांकि आक्सीजन की आपूर्ति में आयी बाधा को लेकर सरकार और अधिकारियों के परस्पर विरोधी बयान आये थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने दावे के साथ पाकारों से कहा था कि आक्सीजन की कमी की वजह से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है, लेकिन डॉ. मिश्रा और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की जारी प्रेस विज्ञप्ति में साफ कहा गया था कि आक्सीजन की कमी की वजह से यह लोमहषर्क घटना हुई.
इस सिलसिले में चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. के के गुप्ता ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में पिछले दिनों नौ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखायी थी. बाद में यह एफआईआर गोरखपुर ट्रान्सफर हो गयी थी.
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