पंजाब विधानसभा में बेअदबी विरोधी विधेयक पेश

Last Updated 14 Jul 2025 06:45:45 PM IST

आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने सोमवार को पंजाब विधानसभा में एक बेअदबी विरोधी विधेयक पेश किया, जिसमें धार्मिक ग्रंथों का अनादर करने वाले कृत्यों के लिए आजीवन कारावास तक की सज़ा का प्रावधान है।


मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में 'पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक 2025' पेश किया।

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बेअदबी के मुद्दे को गंभीर बताया और अध्यक्ष से मंगलवार को विधेयक पर चर्चा कराने का आग्रह किया।

राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन की शुरुआत से पहले, मुख्यमंत्री मान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक, 2025’ को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि विधेयक में श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद्गीता, बाइबिल और कुरान सहित पवित्र ग्रंथों के अपमान के लिए आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया गया है।

प्रवक्ता ने कहा कि इस कानून के लागू होने से राज्य सांप्रदायिक सद्भाव, भाईचारे, शांति और सौहार्द की भावना को और मज़बूत करेगा। यह कानून इस जघन्य अपराध के दोषियों को कड़ी सज़ा सुनिश्चित करके असामाजिक और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के ख़िलाफ़ एक मज़बूत निवारक के रूप में भी काम करेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि अतीत में गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी से संबंधित कई घटनाएं हुई हैं, जिससे जन भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है और समाज में अशांति पैदा हुई है।

प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धाराएं 298, 299 और 300 ऐसे मुद्दों को संबोधित करती हैं, लेकिन वे प्रभावी निवारक के रूप में कार्य करने के लिए पर्याप्त कठोर दंड निर्धारित नहीं करती हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों की गंभीरता तथा सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक पवित्रता को बनाए रखने की अनिवार्यता को ध्यान में रखते हुए, मंत्रिमंडल ने किसी भी पवित्र ग्रंथ के विरुद्ध बेअदबी के दोषी पाए गए लोगों के लिए आजीवन कारावास सहित कठोर सजा का प्रावधान करने वाले राज्य-विशिष्ट कानून को लागू करना आवश्यक समझा।

प्रस्तावित कानून के तहत, बेअदबी का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा हो सकती है। इस अपराध का प्रयास करने वालों को तीन से पांच साल तक की सज़ा हो सकती है, जबकि अपराध में सहयोग करने वाले व्यक्तियों को किए गए अपराध के अनुसार सज़ा दी जाएगी।

भाषा
चंडीगढ़


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