जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति झेंग से मुलाकात की, कहा-संबंधों के सामान्य होने से पारस्परिक लाभ होगा

Last Updated 14 Jul 2025 07:02:39 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से कहा कि भारत-चीन संबंधों के निरंतर सामान्य बने रहने से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और ‘जटिल’ वैश्विक स्थिति के मद्देनजर दोनों पड़ोसी देशों के बीच विचारों का खुला आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है।


जयशंकर ने अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे और अंतिम चरण में सिंगापुर से बीजिंग पहुंचने के कुछ समय बाद झेंग से बातचीत की।

वह चीन के शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा पर हैं।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 में हुए सैन्य गतिरोध और इसके पश्चात दोनों देशों के संबंधों में आए गंभीर तनाव के बाद जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा है।

बैठक में अपने आरंभिक वक्तव्य में जयशंकर ने कहा, ‘‘जैसा कि आपने उल्लेख किया, पिछले साल अक्टूबर में कजान में प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है।’’

टेलीविजन पर प्रसारित संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि इस यात्रा में मेरी चर्चाएं इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।’’

पिछले कुछ महीनों में, भारत और चीन ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं, जो जून 2020 में दोनों सेनाओं के बीच घातक झड़पों के बाद गंभीर रूप से बिगड़ गए थे।

विदेश मंत्री ने भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘‘कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की भारत में भी व्यापक रूप से सराहना की जा रही है। हमारे संबंधों के निरंतर सामान्य होने से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।’’

जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हम जिस अंतरराष्ट्रीय स्थिति में मिल रहे हैं, वह बहुत जटिल है। पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत और चीन के बीच विचारों और दृष्टिकोणों का खुला आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस यात्रा के दौरान ऐसी चर्चाओं की आशा करता हूं।’’

विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने उपराष्ट्रपति झेंग से बातचीत में एससीओ की चीन की अध्यक्षता के प्रति भारत का समर्थन व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का संज्ञान लिया। और यह विश्वास जताया कि मेरी यात्रा के दौरान बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगी।’’

जयशंकर की इस यात्रा से तीन सप्ताह से भी कम समय पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी बंदरगाह शहर किंगदाओ की यात्रा की थी।

चीन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का वर्तमान अध्यक्ष है और इस नाते इस समूह की बैठकों की मेजबानी कर रहा है।

जयशंकर के साथ बैठक में हान ने कहा कि राष्ट्रपति चिनफिंग ने गत अक्टूबर में कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी के साथ सफल बैठक की थी, जिससे चीन-भारत संबंध एक नए मुकाम पर पहुंचे।

हान ने कहा कि चीन और भारत दोनों ही प्रमुख विकासशील देश और ‘ग्लोबल साउथ’ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लिए एक-दूसरे की सफलता में योगदान देने वाले साझेदार बनना सही विकल्प है।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, हान ने दोनों पक्षों से दोनों देशों के नेताओं द्वारा बनाई गई महत्वपूर्ण सहमति को क्रियान्वित करने, उच्चस्तरीय मार्गदर्शन का पालन करने, व्यावहारिक सहयोग को लगातार आगे बढ़ाने, एक-दूसरे की चिंताओं का सम्मान करने तथा चीन-भारत संबंधों के सतत और स्थिर विकास को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

भाषा
बीजिंग


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