बीआरडी मेडिकल कॉलेज में योगी के खौफ के सिवा कुछ नहीं बदला
गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज में बच्चों की बड़ी तादाद में मौत के बाद भी कुछ नहीं बदला है. वहां जांच को गई राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की टीम ने पाया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के खौफ के सिवा मेडिकल कॉलेज में आईसीयू अभी भी बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित नहीं है.
गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज (फाइल फोटो) |
बदइंतजामी, गंदगी और एक बिस्तर पर दो-पांच तक बच्चे सामान्य बात है. आयोग का साफ कहना है कि ऐसे हालात में वहां बच्चों को संक्रमण का पूरा खतरा है.
आईसीयू का हाल बताते हुए कहा गया है वो कहीं से भी आईसीयू जैसा नहीं है क्योंकि वहां न मक्खी-मच्छर को रोकने का प्रबंध है और न परिजनों की भीड़ को रोका जा रहा है. सीनियर डॉक्टरों की बजाय मेडिकल स्टूडेंट के भरोसे आईसीयू है.
वहां दो दिन (बृहस्पतिवार- शुक्रवार) रहकर आई आयोग की सदस्य रूपा कपूर ने कहा कि वहां के हाल इतने बुरे हैं कि शायद जो अच्छा भी होगा वो सीएम योगी आदित्यनाथ के डर से होगा.
उन्होंने कहा सिर्फ यही अच्छा पक्ष है कि बाकी राज्य घटना के कुछ दिन बाद समस्या वाली जगह से मुंह मोड़ लेते हैं पर वहां कुछ काम हुए हैं. मसलन प्रबंधन से जुड़े दो व्यक्तियों को निलंबित किया गया है और अस्पताल के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई है. रूपा ने कहा कि जहां बच्चे दाखिल हैं वहां ऑक्सीजन-बिजली दोनों फेल होते हैं. ये गंभीर अपराध से कम नहीं है.
बाल आयोग की सदस्य ने बताया कि सबसे बड़ी बात है कि गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों में लोगों को मस्तिष्क ज्वर जैसी खतरनाक बीमारी के विषय में जागरूक ही नहीं किया गया है.
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