मुख्यमंत्री योगी ने दिए निर्देश - बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत में लायें तेजी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के बाढ़ प्रभावित पांच जिलों के जिलाधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस काम में किसी भी तरह की ढ़िलाई बर्दास्त नहीं होगी.
फाइल फोटो |
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार योगी ने बाढ़ प्रभावित महराजगंज, बलरामपुर, कुशीनगर, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर जिलों के जिलाधिकारियों से आज दूरभाष पर बाढ़ की स्थिति की जानकारी प्राप्त की. उन्होंने आगाह किया है कि बाढ़ राहत में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए. इस काम में ढ़िलाई बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने स्तर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन स्थलीय निरीक्षण कर राहत एवं बचाव कार्य तेज करायें. उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में जन-हानि रोकने के लिए सभी जरूरी आपात व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए.
बाढ़ चैकियों पर 24 घण्टे कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि राहत सामग्री समय से उपलब्ध करायी जाए. साथ ही, आवश्यकतानुसार राहत शिविरों एवं बाढ़ प्रभावित बसावटों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाए.
प्रवक्ता के अनुसार सिद्धार्थनगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेा में एक पीएसी की एक यूनिट पहले ही बचाव एवं राहत कार्य में लगी है. इसके अतिरिक्त एक-एक पीएसी और एनडीआरएफ की यूनिट अतिरिक्त तैनात की जा रही है. साथ ही, राहत एवं बचाव कार्य के लिए 12 मोटर बोट एवं 25 नाव तैनात की गई हैं, जबकि कुशीनगर जिले की दो तहसीलें बाढ़ से प्रभावित हैं. यहां 29 बाढ़ चैकियों के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्य के साथ-साथ राहत सामग्री बाटने का काम किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि पड़ोसी देश नेपाल में अत्यधिक वष्रा के कारण महराजगंज इस जिले के 178 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. जहां राहत सामग्री बाटने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. इस जिले में जो बांध टूटे थे, उनकी मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 36 बाढ़ चैकियों की स्थापना की गई है और एनडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जिला प्रशासन की मदद कर रही है.
प्रवक्ता के अनुसार दो दिन पूर्व ही यहां वायुसेना की मदद से 39 लोगों को एयर लिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था, जबकि बलरामपुर जिले में अब तक की सर्वाधिक भीषण बाढ़ के बाद जल स्तर घटना शुरु हो गया है. यहां मोटर बोट उपलब्ध कराई गई हैं और 32 बाढ़ चैकियों के माध्यम से राहत एवं बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं.
गोरखपुर में रोहिणी नदी खतरे से तीन मीटर ऊपर बह रही है. बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित कैम्पियरगंज तहसील के मखाना गांव में राहत एवं बचाव कार्य चलाया जा रहा है. जिले में 86 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं. नगर के डोमेनगढ़ क्षेा के रेगुलेटर नम्बर 10 में रिसाव आने के कारण मोहल्ले में पानी आ गया है. इससे करीब
08 हजार परिवार प्रभावित हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. इस रेगुलेटर को सुधार कर जल-जमाव को समाप्त करने के उपाय किए जा रहे हैं. गोरखपुर जिले में राप्ती नदी के जल स्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है.
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