बसपा की गुजारिश : सिद्दिकी की विधान परिषद की सदस्यता निरस्त मानी जाये

Last Updated 29 Jun 2017 05:44:00 PM IST

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दल बदल कानून का हवाला देते हुये विधान परिषद अध्यक्ष से नसीमुद्दीन सिद्दिकी की सदस्यता निरस्त मानने की गुजारिश की है.


(फाइल फोटो)

बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने इस संबंध में एक याचिका दायर की जिसमे दलील दी गयी है कि श्री सिद्दिकी ने स्वेच्छा से अपने मूल राजनैतिक दल बसपा की सदस्यता त्याग करने का फैसला किया. इस सम्बन्ध में नियम-7 का हवाला देते हुये मांग की कि श्री सिद्दिकी को विधान परिषद की सदस्यता से 27 मई, से निरस्त घोषित किया जाय और सदस्य के रूप में अनुमन्य कोई भी सुविधा अथवा भत्ता न दिया जाय.
     
बसपा कार्यालय द्वारा गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि श्री सिद्दीकी बहुजन समाज पार्टी की ओर से विधान परिषद के सदस्य के रूप में 23 जनवरी, 2015 को निर्वाचित हुए थे. बहुजन समाज पार्टी उनका मूल राजनीतिक दल है. जबकि 27 मई को उन्होने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा नाम से अपना एक पृथक राजनीतिक दल बना लिया है. श्री सिद्दीकी का यह आचरण विधिक एवं संवैधानिक रूप से मूल राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ने की बात सिद्ध करता है.


     
उनका यह कृत्य संविधान की दसवी अनुसूची के विपरीत है. इसलिये याचिका में प्रार्थना की गई  है कि श्री सिद्दीकी को संविधान की 10वीं अनुसूची सपठित 1911/42 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्यता से निरस्त माना जाय.

भाषा


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