विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की नजर अब यूपी के निकाय चुनावों पर

Last Updated 29 Apr 2017 07:39:23 PM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब भाजपा की नजर स्थानीय निकाय चुनावों पर है.


(फाइल फोटो)

पार्टी के भीतर के लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के आगामी निकाय चुनावों में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की तर्ज पर रणनीति अपनायी जा सकती है.

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के मुताबिक 270 सीटों में से 262 सीटों पर टिकट नये चेहरों को दिये गये. दिल्ली में नवनिर्वाचित पाषर्दों की औसत आयु 39 वर्ष है. सबसे कम उम्र का पाषर्द 25 वर्ष का है.

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों की तैयारियों से जुड़े एक भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. युवाओं को तरजीह मिलेगी. एमसीडी चुनाव की रणनीति अपनायी जा सकती है.

उन्होंने कहा कि एमसीडी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी उन पाषर्दों को संभवत: इस बार टिकट ना दिया जाए, जो पिछले कई चुनाव जीतते आ रहे हैं. भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सीटों के मामले में चूंकि दिल्ली से काफी बड़ा है इसलिए दिल्ली फार्मूले के साथ साथ ऐसे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी टिकट दिये जाएंगे, जिनकी अपने वार्ड में अच्छी छवि है.



एमसीडी चुनाव में भाजपा ने तीनों निगमों को मिलाकर कुल 184 सीटों पर जीत दर्ज की. आम आदमी पार्टी 46 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. कांग्रेस को 30 सीटें ही मिल पायीं.

उत्तर प्रदेश के 2012 के निकाय चुनावों में मेयर के पद के लिए 12 शहरों में चुनाव हुए. भाजपा ने दस सीटें जीतीं. दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गयीं. इस बार 14 शहरों में मेयर के चुनाव होने हैं.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और पार्टी अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.

भाषा


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