Rajasthan: कोटा और बूंदी जिलों में नाबालिग बेटी की शादी करवा रहा था परिवार, प्रशासन की सतर्कता से टला

Last Updated 23 Apr 2023 10:26:20 AM IST

राजस्थान के कोटा और बूंदी जिलों में अधिकारियों ने शनिवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर दो लड़कियों का बाल विवाह होने से रोका। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।


अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) को शुभ मुहुर्त माना जाता है, जिस दिन बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियों का विवाह होता है। खासतौर से हदोती क्षेत्र में इस प्रथा का चलन है।

तहसीलदार महेश चंद्र शर्मा ने बताया कि बूंदी जिले में सुवादिया ग्राम पंचायत के सुथली गांव में 17 साल की लड़की के विवाह की सूचना पाकर अधिकारी वहां पहुंचे और शादी रुकवाई। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने एक पटवारी और एक कांस्टेबल को लड़की के घर पर तैनात किया है, ताकि उसके माता-पिता बालिग होने से पहले एक बार फिर उसकी शादी कराने की कोशिश न कर सकें।

किशोरी के माता-पिता पर उसके 18 साल के होने तक उससे संपर्क करने पर भी रोक लगा दी गई है।

तहसीलदार ने बताया कि प्रशासन को जनवरी से लेकर अब तक इलाके में तीन बाल विवाह होने की सूचना मिली थी, लेकिन सत्यापन में सिर्फ एक दुल्हन नाबालिग मिली।

वहीं, कोटा जिले के कैथुन इलाके में बाल अधिकार एवं बाल कल्याण समिति ने 17 साल की एक अन्य लड़की का विवाह रुकवाया। बाल अधिकार विभाग के सहायक निदेशक डॉ। अजीत शर्मा ने बताया कि टीम शुक्रवार को विवाह से पहले होने वाली रस्मों के दौरान ही मौके पर पहुंच गई थी। उन्होंने बताया कि कोटा में प्रशासन ने इस साल अभी तक सात लड़कियों के बाल विवाह रुकवाएं हैं।

भाषा
कोटा (राजस्थान)


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