राजस्थान नगर निगम चुनाव: कांग्रेस व भाजपा के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

Last Updated 28 Oct 2020 01:57:53 PM IST

राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित तीन प्रमुख शहरों में छह नगर निगमों के आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस व भाजपा के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है।


भाजपा के लिए जहां इन शहरी निकायों में अपना दबदबा बनाए रखने की चुनौती है। वहीं, कांग्रेस को भरोसा है कि उसकी सरकार के बीस महीने के कामकाज से संतुष्ट मतदाता उसके पक्ष में वोट करेंगे।

मतदान का पहला चरण बृहस्पतिवार को होगा और दो चरणों में 35.97 लाख से अधिक मतदाता 560 वार्ड पार्षद चुनेंगे।

राज्य के जयपुर, जोधपुर व कोटा के नवगठित छह नगर निगमों (जयपुर हैरिटेज, जयपुर ग्रेटर, जोधपुर उत्तर, जोधपुर दक्षिण, कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण) में कुल मिलाकर 560 वार्ड पार्षद के लिए चुनाव हो रहा है। पिछली बार इन तीनों ही जगह भाजपा के बोर्ड थे। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद वार्डों का परिसीमन कर इन तीनों शहरों में दो- दो निगम बनाए हैं और उसके बाद ये पहले चुनाव हैं।

मतदान के पहले चरण में 29 अक्टूबर को जयपुर हैरिटेज, जोधपुर उत्तर और कोटा उत्तर नगर निगमों में मतदान होगा जहां 16.54 लाख से अधिक मतदाता 250 वार्ड पार्षद चुनने के लिए वोट डालेंगे। मतदान का दूसरा चरण एक नवंबर को व मतगणना तीन नवंबर को होगी, लेकिन आंकड़ों से परे इन निगम चुनाव के परिणामों को मुख्यमंत्री गहलोत सहित केंद्र व राज्य के मंत्रियों,विधायकों व भाजपा नेताओं की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है।

जोधपुर मुख्यमंत्री गहलोत का गृहनगर है तो केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी शहर है। कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्य के सबसे कद्दावर मंत्रियों में से एक शांति धारीवाल का गृहनगर है। जयपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के साथ-साथ सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

नगर निकायों के लिहाज से ये तीनों शहर भाजपा के गढ़ रहे हैं। पिछली बार तीनों जगह भाजपा के बोर्ड थे। और भाजपा को उम्मीद है कि इस बार भी मतदाता उसके पक्ष में जाएंगे।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां के अनुसार राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस 2018 में किए अपने चुनाव वादों पर खरा नहीं उतरी है और मतदाता उसे सबक सिखाएंगे।

उन्होंने कहा,‘‘विकास कार्य पूरी तरह ठप हैं इसलिए हताश व परेशान मतदाता निगम चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार बैठा है, मुझे पूरा विश्वास है कि जनता राज्य से कांग्रेस की विदाई की तैयारी निगम चुनाव से करेगी।’’

वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भरोसा जताया कि इन शहरों के मतदाता कांग्रेस के कामकाज पर मुहर लगाते हुए वहां कांग्रेस का बोर्ड बनाएंगे।

डोटासरा ने '' से कहा कि चाहे निगमों की बात हो या शहरों की.. जब जब कांग्रेस आई है उसी ने विकास के काम करवाए हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने लगभग दो साल के कार्यकाल में जो सुशासन दिया है, कोरोना वायरस की महामारी के दौरान जो ऐतिहासिक काम किया है जनता उससे बहुत संतुष्ट है।
 

भाषा
जयपुर


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