गर्भवती महिलाओं को ट्रेकिंग कर समय पर सुरक्षित प्रसव कराएं-सीएम गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार को समाज के सभी जरूरतमंद और वंचित वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का पूरा निर्वहन के लिए कृत.संकल्पित बताते हुए कहा है कि वर्तमान माहौल में गर्भवती महिलाओं के प्रति जिम्मेदारी में कोई कोताही नहीं होने दी जाएगी।
![]() राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो) |
गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड 19 महामारी से उत्पन्न स्थिति की नियमित समीक्षा बैठक पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि लाकडाउन के चलते गरीब तबके की गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित गर्भ, टीकाकरण और प्रसव से जुड़ी आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस काम में महिला चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अलावा राज्य सरकार में पदस्थापित महिला अधिकारियों, कर्मचारियों, स्थानीय निवासी की भी मदद ली जा सकती है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न जिलों में गर्भवती महिलाओं की ट्रेकिंग कर प्रसव की संभावित तारीख की जानकारी जुटाकर तय तारीख पर प्रसव के लिए समुचित व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि आईसोलेशन क्वारंटाइन अथवा ट्रांजिट शिविरों में रह रही ऎसी महिलाओं की विशेष देखभाल की जाए। वर्तमान माहौल में सभी गर्भवती महिलाओं के प्रति जिम्मेदारी में राज्य सरकार कोई कोताही नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि कलक्टर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत स्थानीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भी सूचियां तैयार करें और उनको कोविड 19 महामारी से जुड़े विभिन्न अभियानों में वॉलंटियर के रूप में भूमिका निभाने के लिए नियोजित करें।
इन कार्मिकों से मुख्यतः बेघर लोगों, वंचितों एवं जरूरतमंदों के लिए भोजन और खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने का काम लिया जा सकता है। ये वॉलंटियर कोई परेशानी आने पर जिला स्तर पर स्थित वॉर रूम में सूचना कर मदद कर सकते हैं और स्थानीय प्रशासन भी आवश्यकता होने पर उनकी सेवाएं ले सकता है।
गहलोत ने इस संकट काल में विभिन्न प्रदेशों में मौजूद प्रवासी राजस्थानियों और राजस्थान में रह रहे दूसरे राज्यों के निवासियों के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित राज्यों से समन्वय के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों को नियोजित करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि ये अधिकारी दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री कार्यालयों और मुख्य सचिव कार्यालयों से निरंतर सम्पर्क में रह कर प्रवासियों को होने वाली समस्याओं का समाधान करवाने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश की कई निजी संस्थाओं और उपक्रमों ने अपने संसाधनों, भवनों आदि को कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा उपयोग में लेने के लिए प्रस्ताव दिए हैं।
उन्होंने ऎसे सभी प्रस्तावों के लिए संबंधित संस्थाओं एवं व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इन संसाधनों की सूची तैयार की जा रही है तथा आवश्यकता पड़ने पर इन्हें उपयोग में लिया जाएगा। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान सभी लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बेहतर काम करने वाले पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को साधुवाद दिया।
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