राजस्थान: गुर्जर सहित पांच जातियों को 50 प्रतिशत की कानूनी सीमा के तहत एक प्रतिशत और आरक्षण
राजस्थान सरकार ने गुर्जर ,बंजारा, गाडिया लुहार, रायका और गडरिया जातियों को अन्य पिछडा वर्ग (ओबीसी) के अलावा अत्यन्त पिछड़ा वर्ग के तहत और एक प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है.
![]() वसुंधरा सरकार गुर्जरों को देगी 1 प्रतिशत आरक्षण (फाइल फोटो) |
संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल से कल सर्कुलर के जरिये मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद इन पांच जातियों को अत्यधिक पिछडा वर्ग मानते हुए एक प्रतिशत अलग से आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की जाएगी. इन जातियों को पिछड़ा वर्ग में पूर्व में मिलने वाला आरक्षण पहले की तरह मिलता रहेगा. राठौड़ ने कहा कि इन पांच जातियों को अत्यधिक पिछड़ा वर्ग में तय सीमा पचास प्रतिशत के भीतर ही दिया जाएगा .
इधर राजस्थान गुर्जर संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य डा रूप सिंह ने सरकार के निर्णय की तारीफ करते हुए कहा है कि सरकार के इस फैसले से हम लोगों को संजीवनी मिलेगी लेकिन हमारी मूल मांग एसटी में शामिल करने और आरक्षण का न्यायोचित वर्गीकरण की मांग ज्यो की त्यों है .
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा के विगत सत्र में सरकार ने एक विधेयक पेश करके गुर्जर ,बंजारा, गाडिया लुहार, रायका और गडरिया को अन्य पिछडा वर्ग लोगों के साथ आरक्षण देने के लिये आरक्षण 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया था.
इससे प्रदेश में सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में दिया जाने वाला कुल आरक्षण बढकर 54 प्रतिशत पहुंच गया लेकिन उच्च न्यायालय ने इस विधेयक पर रोक लगा दी थी .
सरकार उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंची लेकिन राज्य सरकार को राहत नहीं मिली थी.
वर्ष 1994 में अन्य पिछडा जातियों के साथ गुर्जर,बंजारा, गाडिया लुहार, रेबारी और गडरिया को शामिल किया गया था.
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