पद्मावती पर बवाल जारी, बंद कराया कुंभलगढ़ किला

Last Updated 19 Nov 2017 02:48:16 AM IST

रिलीज होने से पहले विवादों में आई फिल्म पद्मावती के विरोध में शनिवार को भी प्रदेशभर में धरने-प्रदर्शनों का दौर जारी रहा.


पद्मावती पर बवाल जारी

फिल्म के विरोध में शुक्रवार को जहां सर्व समाज व राजपूत समाज ने चित्ताैड़गढ़ का किला बंद करा दिया था वहीं शनिवार को करणी सेना ने शनिवार को ऐतिहासिक कुंभलगढ़ फोर्ट बंद को जबरन बंद करा दिया. किले पर सर्व समाज के करीब 150 लोग आमसभा करने पहुंचे हैं. करणी सेना के राष्ट्रीय महासचिव गोविंद सिंह सोलंकी ने कहा था कि कुंभा के दुर्ग पर अंहिसात्मक आंदोलन शुरू किया जाएगा.

सोलंकी ने बताया कि विदेशी पर्यटकों को परेशानी नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए उन्हें दुर्ग पर जाने की छूट दी गई पर भारतीय पर्यटकों को दुर्ग पर प्रवेश नहीं करने दिया गया. प्रदर्शन स्थल पर भारी पुलिस मौजूद रही. इसके साथ कुंभलगढ़ फोर्ट पर फिल्म के निर्देशक संजय लीलाल भंसाली के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. यहां पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने किले का गेट बंद करा दिया. जिससे पहले अंदर जा चुके पर्यटक वहीं फंस गए. जिन्हें कुछ देर प्रदर्शन रोक कर बाहर निकाला गया. जिसके बाद प्रदर्शन फिर से शुरू हुआ.

विद्या प्रचारिणी सभा के मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह राठौड़ ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक की मांग को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. इधर, भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़ ने भी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है.  जयपुर में करणी सेना व राजपूत समाज के लोगों ने चौमूं पुलिया पर फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया तो अजमेर में सर्व समाज के लोगों ने शहर के विभिन्न सिनेमाघरों में लगे फिल्म के पोस्टरों को फाड़ दिया.

साथ ही यह चेतावनी दी कि किसी सिनेमाघर में फिल्म लगाई तो उसे जला दिया जाएगा. इसके अलावा जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, पाली, जालौर, सिरोही, अलवर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, दौसा, करौली, जैसलमेर, उदयपुर, भीलवाड़ा में भी फिल्म के विरोध में प्रदर्शन हुए. राजपूत करणी सेना और हिंदूवादी संगठनों ने इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.

करणी सेना ने फिल्म के विरोध में एक दिसम्बर को भारत बंद की घोषणा की है तो कुछ अन्य संगठनों ने भी 30 नवम्बर को बंद रखने का ऐलान किया है. करणी सेना का मानना है कि फिल्म में पद्मिनी व खिलजी के बीच अंतरंग दृश्य फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है.  लिहाजा, रिलीज से पहले यह फिल्म राजपूत समाज के प्रतिनिधियों व इतिहासकारों को दिखाई जानी चाहिए. प्रदेश के राजघरानों ने भी फिल्म के एक गाने में घूमर नृत्य के दौरान अभिनेत्री दीपिका के पहनावे पर सवाल उठाए हैं.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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