राजस्थान: बाढ़ से घिरे कई गांव, संपर्क मार्ग कटा

Last Updated 29 Jul 2017 12:23:21 PM IST

राजस्थान में सक्रिय एक साथ दो-दो मानसूनी तंत्रों के कारण प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण तीन और जिले बाढ़ की चपेट में आ गये है.




राजस्थान: बाढ़ से घिरे कई गांव, संपर्क मार्ग कटा (फाइल फोटो)

प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में अभी भी सैकड़ों गांव पानी से घिरे हुए हैं. राहत और बचाव कार्य में तेजी आई है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है. इस बीच अब तक अच्छी बारिश से महरूम हाड़ौती अंचल की तरफ मानसून ने रुख किया. जिसके कारण झालावाड, बूंदी, कोटा आदि इलाकों में भी झमाझम बारिश का दोरें शुरू हो चुका है. डग में करीब 12 इंच, गंगधार व बकानी में आठ इंच बारिश हुई.

उधर बारां के छबड़ा में 7 इंच बारिश हुई. बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं. झालावाड़ के चौहमला में रेलवे ट्रैक पर पानी चलने और मिट्टी धंसने से ट्रेनें रोकनी पड़ी. मौसम विभाग ने हाड़ौती में भारी बारिश की चेतावनी दी है.
           
प्रदेश में बाढ़ के हालात का जायजा लेने के लिये मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री पी पी चौधरी ने आज पाली, जालौर और सिरोही जिले का हवाई दौरा कर रही है.

गत एक सप्ताह से हो रही बारिश से पाली, जालोर, और सिरोही पहले से ही बाढ़ की चपेट में है जहां अब तक सैकडों लोग बाढ़ में फंसे हुये है.  इसके अलावा बाडमेर, जोधपुर,  चितौड़गढ़, उदयपुर  में भी भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर आ गये है.

दक्षिण पूर्वी इलाके में सक्रिय हुये मानसूनी तंत्र के कारण अब हाडौती के झालावाड  सहित अन्य जिले भी बाढ की चपेट में आ गये है.  बारिश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में दो दिनों तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है.

 प्रदेश में नदी नालों के उफान पर आने से हालत भयावह हो गये है. जौधपुर संभाग के सबसे बड़े जवाई बांध में लगातार पानी की आवक को देखते हुये उसके 11 गेटों से की गयी निकासी के कारण पाली जालौर और सिरोही में हालत और खराब हो गये है. हालांकि आज सवेरे इस बांध के दो गेटों को छोड़कर सभी गेट को बंद कर दिया गया है और इन दोनों गेटों को दो-दो फीट तक ही खोला गया है. लूणी नदी में फिर से पानी की आवक होने से वहां हालत गंभीर बन गये है. खेतों में पानी भरने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है. लगातार हो रही बारिश से पाली जिले के 265 गांव पानी से घिर गये है और वहां काफी संख्या में मवेशियों के मरने की भी खबर है.  जिला प्रशासन ने लोगों से सर्तकता बरतने की सलाह दी है.
       
सिरोही जिले के माउंट आबू में बारिश के कारण चट्टानों के गिरने से आबू रोड और माउंट आबू के बीच मार्ग अवरूद्ध है. वहां पिछले 24 घंटों में 101 मिमी वष्रा दर्ज की गयी है.
       
सीमा से लगते बाड़मेर में भी बारिश के बालोतरा के कई उपखंड पानी से घिर गये है और धोरीमन्ना में पानी की रपट चलने लगी है. यहां रपट पर चल रहे आठ लोगों के बहते देख ग्रामीणों ने बडी मुश्किल से उन्हें बचाया. वहां भारी बारिश के कारण दो एनीकटों के टूटने के भी समाचार मिले है.
        
उदयपुर संभाग के चितौड़गढ़ में भी लगातार हो रही बारिश के कारण गंभीरी और बेडच बांध में भी तेजी से पानी की आवक होनें से वह भी छलकने की कगार पर पहुंच चुके है. वहीं उदयपुर राजसमंद , डूंगरपुर ओर बांसवाडा में भी बारिश के कारण अधिकांश नदी नाले उफान पर है. 
       
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित हिस्सो में सेना , एनडीआरएफ और पुलिस टीमें बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुयी है लेकिन इन जिलों के अधिकांश गांवों  एवं खेतों के पानी में घिरे होने से बचाव एवं राहत कार्य में भी बाधा आ रही है.
       
राजस्थान में आधा दर्जन जिलों में मानसून तबाही मचा चुका है और अब तक प्रभावित जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. वहीं दूसरी ओर स्था?नीय मौसम केंद्र में लगे डॉप्लर रडार पिछले पांच दिनों से तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़ा है जिसके कारण प्रशासन को सही सूचना भी नही मिल पा रही है. मौसम विभाग के अधिकारी भी रडार कब शुरू होगा इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं.
        

प्रदेश में बाढ़ के कारण सड़क एवं रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है. विशेषकर जालौर , सिरोही और पाली जिले के अधिकाशं गांवों का आपस में सपर्क कट गया है और यहां संचार सेवाएं भी प्रभावित हुयी है.  बाड़मेर जिले में भी धोरीमन्ना से कई गांवों का संपर्क कट गया है.

उदयपुर संवाददाता के अनुसार संभाग में पिछले एक सप्ताह से चल रही रिमझिम बारिश से नदी नाले उफान पर है तथा कई बांध लबालब हो चुके है.  संभाग में पिछले कई दिनों से लगातार रूक रूककर हो रही बारिश से हर तरफ  पानी ही पानी नजर आ रहा है. तरबर्तर बारिश से नदी नालों में पानी की आवागमन से संभाग के कई जलाशय छलक चुके हैं जबकि शेष बांध छलकने के लिए आतुर हैं.
               
बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार बांसवाडा जिले में 282 मीटर भराव क्षमता वाला संभाग का सबसे बडा माही बजाज सागर बांध का जलस्तर आज दोपहर तक 277 मीटर पहुंच गया जबकि 127 मीटर भराव क्षमता वाला कडाणा बांध लेवल 126 मीटर हो गया हैं. इसके अलावा उदयपुर जिले के सोम कमला आम्बा बांध, बनास नदी के उदगम स्थल पर स्थित बाघेरी बांध ओवर फ्लो चल रहा हैं.
        
उदयपुर जिले के मदार तालाब के ओवरफ्लो होने के बाद 11 फीट भराव क्षमता वाली शहर की ऐतिहासिक पिछोला झील सुबह 11 बजे छलक गयी तथा इसका पानी आयड नदी के जरिये उदयसागर में समा रहा हैं. उदयपुर शहर की धडकन मानी जाने वाली 14 फीट भराव क्षमता वाली ऐतिहासिक फतहसागर झील का जलस्तर 10 फीट से उपर पहुंच गया है .
            
राजसमंद जिले की राजनगर झील का लेवल 17.10 फीट पहुंच गयी जबकि राजसमंद जिले की नंदसमंद झील का जलस्तर स्तर 32.10 हो गया हैं. उदयपुर जिले का कोटडा में कालीबोर, साईडेम तथा झाडोल में सांडोल तालाब पहले से ओवरफ्लो चल रहे हैं.
 

 

वार्ता


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