राजस्थान में अंतरजातीय विवाह के नये नियम एक अगस्त से लागू होंगे

Last Updated 28 Jul 2017 03:59:46 PM IST

राजस्थान में अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपतियों के लिये बनाये गये नये नियमों में अब पांच लाख रूपये की सहायता दी जायेगी इनमें से आधी राशि आठ साल तक के लिए सावधि जमा के रूप में रहेगी.


(फाइल फोटो)

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने शुक्रवार को जयपुर में बताया कि डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना संचालन के लिए नवीन दिशा निर्देश जारी किये गये जो आगामी 1 अगस्त, 2017 से प्रभावी होंगे.
    
उन्होंने बताया कि नियमों में योजना के तहत जारी की जाने वाली प्रोत्साहन सहायता राशि का शत-प्रतिशत सदुपयोग को लेकर कड़े नियम बनाये गये हैं.
       
उन्होंने बताया कि डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजनान्तर्गत युगल के सुखद दांपत्य जीवन को सुनिश्चित करने के प्रयोजन से पति-पत्नी के लिए 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि में से 2.50 लाख रुपये दोनों के संयुक्त खाते में 8 वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट के रूप में तथा 2.50 लाख रुपये दांपत्य जीवन के निर्वहन के प्रयोजनार्थ आवश्यक व घरेलू उपयोग आदि की चीजों की खरीद के लिए नगद सहायता उनके संयुक्त बैंक खाते के माध्यम से प्रदान किये जायेंगे.


      
उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने वाले युवक अथवा युवती द्वारा मिथ्या तथ्य अथवा कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने अथवा किन्हीं तथ्यों को छिपाये जाने पर विधिक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के युवक अथवा युवती, जिसने किसी सवर्ण हिन्दू युवक अथवा युवती से, जो दोनों ही राजस्थान के मूल निवासी हो एवं युगल में से किसी की भी आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं हो और किसी आपराधिक मामले में दोष सिद्ध न हो, से विवाह किया हो.

अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल के विवाह के प्रमाण स्वरूप सक्षम प्राधिकरण या अधिकारी कार्यालय से जारी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र हो व युगल की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये से अधिक न हो. इसके साथ ही युगल द्वारा राज्य अथवा केन्द्र सरकार की किसी भी समानान्तर योजना में कोई आर्थिक लाभ प्राप्त न किया हो. योजनान्तर्गत विधवा महिला द्वारा पुनर्विवाह करने पर वह इस योजना का लाभ लेने की पात्रा होगी बशर्ते युगल में से किसी ने पूर्व में इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं किया हो. साथ ही विधवा महिला से विवाह करने वाले युवक को प्रथम विवाह की बाध्यता में छूट भी दी गयी है.

भाषा


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